बिहार की जेलों में मिलने वाली रोटी इन दिनों चर्चा में है. दरअसल जेल में मिली जली और सूखी रोटी को लेकर एक बंदी सीधे कोर्ट जा पहुंचा और जज को सच्चाई दिखा दी. फिर क्या था, बंदी के हाथ की जली रोटी देखकर पुलिसवाले और अधिकारी सब दं’ग रह गए.
मामला बेगूसराय जिला से जुड़ा है जहां के मंडल कारा प्रशासन पर गंभीर आरोप लगे हैं. बीरपुर थाना क्षेत्र के एक कैदी राम जपो यादव ने कारा प्रशासन की पोल खोलते हुए कई आरोप लगाए हैं.
मंगलवार की शाम उक्त विचाराधीन बंदी ने खाने में गड़बड़ी सहित पैसे की वसूली का भी आरोप न्यायालय में लगाया है. मामला सामने आने के बाद न्यायालय ने इस पूरी घटना के जांच के आदेश भी दिए हैं.
मंगलवार की शाम उस वक्त बेगूसराय न्यायालय में खलबली मच गई जब विचाराधीन बंदी रामजपो यादव मंडल कारा से सूखी रोटी लेकर न्यायालय पहुंच गया और न्यायाधीश के समक्ष रोटी को दिखाते हुए गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए. रामजपो यादव ने बताया कि मंडल कारा बेगूसराय में बंद कैदियों को जानवरों से भी बदतर खाना खिलाया जाता है और शिकायत करने पर गाली गलौज की जाती है.
बंदी ने बताया कि जब बंदी के परिजन कुछ सामान और फल लेकर मंडल कारा पहुंचते हैं तो इसके बदले कारा प्रशासन के द्वारा राशि वसूली जाती है, तब जाकर बंदी के परिजनों द्वारा दिया गया सामान बंदी तक पहुंच पाता है.
उक्त बंदी की शिकायत के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव और न्यायाधीश सतीश कुमार झा ने अविलंब मामले की जांच के आदेश दिए हैं एवं दोषी लोगों पर कार्रवाई की बात कही है. सवाल ये उठ रहा है कि आखिर जेल से न्यायालय तक बंदी रोटी लेकर कैसे पहुंच गया जबकि कारा प्रशासन के नियमों के अनुसार पेशी के दौरान कोई भी सामान लेकर बंदी नहीं जा सकता.
सवाल यह भी उठता है कि जब बंदी के परिजन कुछ सामान बंदी तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं तो किस नियम के तहत कारा प्रशासन के द्वारा राशि की मांग की जाती है. मालूम हो कि पूर्व में भी बंदी के परिजनों ने कारा अधीक्षक समेत पांच लोगों पर न्यायालय में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
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