एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू रांची आयीं तो काफी भावुक अंदाज में नेताओं से मिलीं। बातचीत में कई बार उनका गला रूंध गया। पुराने दिनों की यादें ताजा कीं। राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी तय होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की बात कहते हुए वह काफी भावुक हो गईं।
मुर्मू ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए ने आपकी उम्मीदवारी तय की है, तब उन्होंने कहा कि वह एक छोटे से गांव से आती हैं। पहले शिक्षक और फिर मंत्री बनीं, लेकिन क्या वह राष्ट्रपति बनने के लायक हैं?
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को कहा कि आपने देश की प्रथम नागरिक बनाने का फैसला लिया है, इतनी बढ़ी जिम्मेदारी वह कैसे निभाएंगी। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हौसला बढ़ाते हुए कहा कि उनके साथ पूरा देश है। देश के लोगों की ताकत है और सबसे बढ़कर संविधान व संविधान के द्वारा दी गई ताकत है। संविधान ही उनका मार्गदर्शन करेगा।
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उन्हें जब राज्यपाल बनाने का फैसला लिया गया था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही कहा था कि उन्हें झारखंड भेजा जा रहा है। ऐसे में वहां के गांव-गांव जाएं। लोगों की समस्याएं सुनें। द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री ने कहा कि झारखंड में बतौर राज्यपाल उन्होंने जो काम किया, वह बेहतरीन रहा है। यही वजह है कि पहली बार एक आदिवासी समाज की महिला को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया।
सोरेन ने किया स्वागत, दीं शुभकामनाएं
झारखंड की पूर्व राज्यपाल व राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के लिए सर्वसम्मति बनाने का प्रयास एनडीए व भाजपा के नेताओं के द्वारा किया जा रहा है। झारखंड में मुख्य सत्ताधारी पार्टी झामुमो ने अबतक खुले तौर पर द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान तो नहीं किया, लेकिन उम्मीद जतायी जा रही है कि आदिवासी महिला को पहली बार देश के प्रथम नागरिक के तौर पर स्थापित करने की बात पर झामुमो समेत अन्य दलों का समर्थन मिल सकता है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी द्रौपदी मुर्मू के रांची आने पर शुभकामनाएं दी। हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू झारखंड आ रही है। भगवान बिरसा की पावन धरती पर उनका हार्दिक स्वागत है। इसी ट्वीट में द्रौपदी मुर्मू को हेमंत सोरेन ने जोहार कह शुभकामनाएं दी।
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