बिहार के अलग-अलग जिलों में हर दूसरे दिन किसी ना किसी सीएसपी संचालक से लूट की खबरें देखने को मिलती हैं। शुक्रवार को ही कटिहार जिले में दिनद’हाड़े बद’माशों ने सीएसपी संचालक को गो’ली मा’र कर 10 लाख रुपये लू’ट लिए।
वहीं सहरसा में भी बद’माशों ने सीएसपी संचालक से हथियार के बल 1 लाख 89 हजार नगदी, लैपटॉप, सोने की चेन व अंगूठी लूट लिया। सबसे बड़ा सवाल उठता है कि आखिर बदमा’शों के निशाने पर आए दिन सीएसपी संचालक कैसे आ जाते हैं?
इस संबंध में जब गोपालगंज सदर एसडीपीओ संजीव कुमार ने बताया कि सीएसपी संचालक अपने दफ्तरों में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाते हैं। यह सुरक्षा की दृष्टि से सबसे बड़ी चूक है। कहीं पर ही ये अपना दफ्तार खोल लेते हैं। उदाहरण देते हुए एसडीपीओ ने कहा कि मान लीजिये कि किसी सीएसपी दफ्तर में कोई ग्राहक कैश निकालने के लिए पहुंचता है।
उस वक्त ऑफिस में उतना कैश नहीं है तो सीएसपी संचालक ग्राहक को बैठाता है और बैंक से रुपये निकालने के लिए या तो खुद निकल जाता है या फिर किसी अपने आदमी को भेज देता है। कई बार इसकी भनक अपरा’धियों तक पहुंच जाती है और वो लू’ट की वार’दात को अंजाम दे देते हैं।
उन्होंने कहा कि सभी सीएसपी संचालकों को निर्देश दिया गया है कि जब भी लंबी रकम निकालने के लिए आप बैंक जाएं तो इसकी सूचना संबंधित थाने को अवश्य दें लेकिन ऐसा होता नहीं है। सीएसपी संचालकों की ओर से बरती गई लाप’रवाही का फायदा अप’राधी आसानी से उठा लेते हैं।
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