पूर्णिया जिले के बैसा और अमौर प्रखंड में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से उपर चला गया है। जिससे कई गांव के लोग प्रभावित हो रहें हैं।
अमौर प्रखंड के तालबाडी गांव में बने पुल कनकई नदी के कटाव के कारण पुल ध्वस्त हो गया है। करीब डेढ किलोमीटर तक सड़क भी नदी में समाहित हो गए हैं। पुल ध्वस्त होने से अमौर प्रखंड के डहुआबाडी से नहराकोल के बीच आवागमन ठप हो गया है। अब ग्रामीणों के लिए एक ही साधन और सहारा नाव है।
वहीं कनकई नदी के कटाव से 100 से अधिक घर काटकर नदी में समा चुके हैं। लोग अपने घर खुद तोडकर पलायन हो रहें हैं। सैंकड़ों एकड़ जमीन में लगे फसल भी बर्बाद हो चुका है। मवेशी से लेकर बच्चे बुढे सभी को लेकर लोग सुरक्षित स्थान की खोज में जुटे हुए हैं। यह हाल पूरे प्रखंड में एक जैसा नजारा दिखने को मिल रहा है। नदियों के त्रासदी से लोगों के जनजीवन अस्तव्यस्त हो गये हैं।
वैसे प्रशासन द्वारा नदियों में जलस्तर बढने के बाद कटाव निरोधी कार्य को शुरू कर दिया गया है। लेकिन यह प्रयास उंट के मुंह में जीरा जैसे मुहावरा साबित हो रहा है। सरकारी कवायद से ग्रामीण संतुष्ट नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि मानसुन आने से पहले ही यदि कटाव निरोधी कार्य किया होता तो आज नदी उफान पर नहीं होता और लोग अपने गांव छोडकर पलायन नही होते।
जब भी नदियों में जलस्तर बढ जाता है और कटाव शुरू हो जाते हैं, तो प्रशासन द्वारा खानापूर्ति की जाती है। वहीं, विस्थापित परिवारों के लिए सरकार या प्रशासन द्वारा अब तक किसी भी प्रकार के राहत सामग्री नहीं पहूंचाए जाने से लोगों में नाराजगी है ।
Be First to Comment