धनबाद के कुसुम विहार के रेलवे ठेकेदार लव कुमार उर्फ बबलू सिंह की ह’त्या में पुलिस जिस धर्मेंद्र सिंह उर्फ जुगनू को खोज रही है, वह बिहार का कुख्यात डॉ’न है। उसके खिला’फ मुजफ्फरपुर के कटरा थाना सहित अन्य थानों में ह’त्या, लू’ट और रंग’दारी के कई मामले दर्ज हैं। श’राब त’स्करी के कई मामलों में भी मुजफ्फरपुर पुलिस उसे ढूंढ़ रही है।
बबलू सिंह ह’त्याकांड में जेल गए जोड़ापोखर डुमरी दो नंबर निवासी मनोज कुमार ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया है कि मुजफ्फरपुर धनौर कटरा निवासी जुगनू सिंह उर्फ धर्मेंद्र सिंह और सीतामढ़ी मीरा नगर महिंदवारा निवासी अजीत कुमार ने बबलू सिंह की ह’त्या की योजना बनाई थी। पुलिस हत्या’कांड के मास्टर माइंड जुगनू की तला’श में कई बार मुफ्फरपुर स्थित कटरा धनौर में छा’पेमारी कर चुकी है।
बिहार गई धनबाद पुलिस की विशेष टीम को जानकारी मिली है कि जुगनू 2012 में हुई कटरा निवासी शिवशंकर साह की ह’त्या का आ’रोपी है। रंग’दारी नहीं देने पर शिवशंकर की गो’ली मा’र कर ह’त्या कर दी गई थी। पांच सितंबर 2009 को मुजफ्फरपुर ब्रह्मापुरा थाना की पुलिस ने जुगनू को एके 47 की गो’लियों के साथ प’कड़ा था। उसके साथ सीतामढ़ी के नानपुर बैंक ड’कैती कां’ड के अन्य आ’रोपी भी पक’ड़े गए थे। श’राब तस्क’री के मामले में बिहार पुलिस कई बार उसके ठि’काने पर दबि’श दे चुकी है।
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि बोकारो से लेकर आद्रा तक रेलवे के ठे’का मैनेज करने के लिए मनोज कुमार और जुगनू अवधेश सिंह और जीतेंद्र पांडेय गुट के लिए काम करते थे। रेल ठे’का विवा’द में 2012 में चंदनकियारी अमलाबाद में कृष्णा सिंह को गो’ली मा’री गई थी। इस केस में मनोज और जुगनू दोनों आरो’पी थे। 2016 में जीतेंद्र पांडेय गिरोह के पिंटू वर्मा की आद्रा में ह’त्या कर दी गई थी। दोनों गैं’ग से अलग होकर आद्रा रेल मंडल के ठे’कों में अपना साम्राज्य स्थापित करने की जुगत में थे।
पुलिस अभी तक बबलू सिंह को गो’ली मा’रने वाले कुटुम्ब की पहचान नहीं कर पाई है। उसके साथ धनबाद आए शुक्ला भी पुलिस के लिए अभी पहेली है। बताया जा रहा है कि धर्मेंद्र सिंह उर्फ जुगनू ने कुटुम्ब का परिचय अपने रिश्तेदार के रूप में दिया था जबकि शुक्ला उसके साथ आया था। अब जुगनू और अजीत कुमार के पकड़े जाने के बाद ही दोनों शूट’रों का चेहरा बेप’र्द होगा।
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