बिहार में सरकार बच्चों की प्राथमिक शिक्षा को लेकर कितनी सजग है इसका एक चौंकाने वाला उदारहण बेगूसराय में देखा गया हैं। पांच वर्ग, दो टीचर, भवन के नाम पर एक खुला छप्पर और सब को मिला दें तो एक सरकारी स्कूल।
नौनिहालों की पढ़ाई के नाम पर यह खिलवाड़ दूर दराज गांव में नहीं बल्कि शहर में किया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र के गणेशटोल वार्ड-8 स्थित एक केले के बगान में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय चल रहा है। यह विद्यालय वर्ष 2005 से संचालित है। बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह काफी ख’तरनाक है। 16 वर्षों के बाद भी विद्यालय का भवन नहीं बन पाया। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले के नौनिहालों को प्रारंभिक शिक्षा कैसे दी जाती है।
सरकार का स्पष्ट आदेश है कि भवनहीन व भूमिहीन विद्यालय को निकटतम स्कूल में शिफ्ट कर दिया जाए। लेकिन इस स्कूल के मामले में यह भी नहीं हुआ। स्कूल की दुर्द’शा की ओर न तो विभागीय अधिकारी का ध्यान गया न ही जनप्रतिनिधियों का। शहरी क्षेत्र का यह विद्यालय अभी तक भूमि व भवनहीन है। गणेशटोल का यह स्कूल अकेला नहीं है जो अपनी दुर्द’शा पर आं’सु बहा रहा है। एसएसए कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार जिले में 110 भूमिहीन और 117 प्रारंभिक विद्यालय भवनहीन हैं। यहां प्रथम से पंचम वर्ग की तक पढ़ाई होती है। स्कूल के नामांकन रजिस्टर के अनुसार 74 बच्चे नामांकित हैं। इनमें से 99 प्रतिशत बच्चे दलित, पिछड़े, अतिपिछड़े वर्ग से आते हैं। इन बच्चों को देश का बेहतर नागिरक बनाने की जिम्मेवारी दो शिक्षकों पर है। गणेशटोल में चल रहे इस विद्यालय के दक्षिण दिशा में पगडंड्डी सड़क तो उत्तर दिशा में जंगल हैं। विद्यालय का तीन भाग केला का बगीचा है। विद्यालय से सटे पगडंड्डी सड़क से हमेशा बाइक से लेकर साइकिल का आना जाना लगा रहता है। सड़क के बाद गेहूं की फसल है। चारों ओर जंगल। हमेशा विषै’ले जीव से लेकर सां’पों का आना जाना लगा रहता है। इससे यहां पढ़ने वाले बच्चे से लेकर पढ़ाने वाले शिक्षकों की जा’न हमेशा सां’सत में बनी रहती है। पढ़ाने के नाम पर एक लकड़ी , ब्लैक बोर्ड व बैठने के लिए दो कुर्सी उपलब्ध है। कुर्सी, बोर्ड से लेकर नामांकन रजिस्टर रसाईया के घर में रखा जाता है। दह’शत के बीच बच्चे व शिक्षक इस विद्यालय में आने को विव’श है।सर्वशिक्षा अभियान के डीपीओ राजकमल ने बताया कि सभी बीईओ ने लिखित दी है कि भूमि व भवनहीन विद्यालयों को बगल के विद्यालय में शिफ्ट कर दिया गया है। लेकिन यदि यह अभी केला के बगान में छप्पर में चल रहा है तो यह गंभी’र बात है। बीईओ के द्वारा विभाग को गल’त सूचना भेजी गयी है। उन्होंने बताया कि इससे बीईओ की साफ लाप’रवाही सामने आयी है। बीईओ से शोकॉज पूछते हुए वेतन बं’द करने का आदेश दिया गया है। साथ ही उस विद्यालय के दोनों शिक्षकों का भी वेतन बं’द करने का आदेश दिया गया है। बगल के स्कूल में शिफ्ट करने को कहा गया है।
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