पटना : सूबे के कई जिलों में जहरीली शराब से लोगों की बड़ी संख्या में मौतों के बाद राज्य सरकार लगातार गंभीर है। सरकार अब इसके खिलाफ बच्चों को तैयार करेगी।
सरकार के नये निर्णय के अनुसार सूबे के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब दो करोड़ बच्चे मद्य निषेध के लिए जागरूकता दूत बनेंगे। नशामुक्त बिहार बनाने की मुहिम में शामिल होकर वे नशामुक्ति के लिए लोगों को जागरूक करेंगे।
इसके लिए नशा मुक्ति दिवस पर 26 नवम्बर को राज्य के सभी जिलों में मद्य निषेध के प्रति जागरूकता के लिए स्कूली बच्चे प्रभात फेरी निकालेंगे। सुबह 8 से 9 बजे तक की इस प्रभात फेरी में बच्चों के हाथों में नारे और स्लोगनों का प्लेकार्ड होगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चे बड़ों और समाज को नशा, खासकर मद्यपान से दूर रहने के प्रति प्रेरित होंगे।
राज्य सरकार के निर्देश पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने मद्यनिषेध को लेकर नवम्बर माह कई प्रकार की गतिविधियां चलाने का आदेश जिलों को दिया है। अपर मुख्य सचिव ने आरडीडीई, डीईओ, समग्र शिक्षा, माध्यमिक तथा साक्षरता के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों, एसआरपी और केआरपी को इसके लिए जिम्मेवारी दी है। निजी स्कूलों को भी इस मुहिम का हिस्सा बनाने के लिए कहा गया है। इसके तहत विद्यालय, प्रखंड और जिला इन तीनों स्तरों पर मद्य निषेध से संबंधित निबंध लेखन, वाद-विवाद एवं अन्य प्रतियोगिता का आयोजन करना है।
बच्चों के बीच होगी प्रतियोगिता
‘शराब वर्जित, बिहार हर्षित’ पर कक्षा 9 से 12 जबकि ‘मद्यपान बंद, घर-घर आनंद’ विषय पर कक्षा 6 से 8 के छात्र-छात्राओं के बीच प्रतियोगिता कराई जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा है कि 15 नवम्बर को विद्यालय स्तर पर, 17 नवम्बर को प्रखंड स्तर पर जबकि 19 नवम्बर को जिला स्तर पर ये प्रतियोगिताएं आयोजित करें। तीनों स्तरों पर नोडल पदाधिकारी क्रमश: प्रधानाध्यापक, बीईओ और डीईओ होंगे।
इस अभियान के तहत विद्यालय स्तर से एक छात्र व एक छात्रा चयनित होकर प्रखंडस्तर की प्रतियोगिता में शामिल होंगे। प्रखंड स्तर पर भी दो बच्चों का ही चयन कर जिलास्तर पर भेजा जाएगा। जिला स्तर पर उच्च एवं मध्य विद्यालयों के अलग-अलग तीन बच्चे प्रथम, द्वितीय व तृतीय (रैंक होल्डर ) होंगे। सात बच्चों को सांत्वना पुरस्कार मिलेगा।
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