बेगूसराय : जिले का ऐतिहासिक स्वर्ण जयंती पुस्तकालय जर्जर हो गया है। इस पर न तो जिला प्रशासन की और न ही जनप्रतिनिधियों की नजर है।
बताया जाता है कि 1935 में जब कांग्रेस का 50वां स्थापना दिवस था, तभी इस पुस्तकालय का स्थापना की गई थी। 1940 में इस पुस्तकालय में सुभाष चंद्र बोस भी आ चुके हैं। इसके प्रमाण के रूप में उनके द्वारा पुस्तकालय में उनके लिखे कागजात मौजूद हैं।
इस पुस्तकालय बीस हजार से ज्यादा पुस्तकें हैं, लेकिन ऐतिहासिक पुस्तकालय रख रखाव के अभाव में जर्जर हो रहा है। ऐसा नहीं है कि इस पुस्तकालय की आमदनी नहीं है, बल्कि लाखों रुपए का राजस्व पुस्तकालय के आसपास की दुकानों से आता है।
आज भी रोजाना दर्जनों साहित्यकार और छात्र छात्राएं यहां पढ़ने आते हैं। इस मामले को लेकर जब सांसद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा है स्वर्ण जयंती पुस्तकालय ऐतिहासिक पुस्तकालय है। इसकी समस्या के बारे में आप से जानकारी मिली है। इसके विकास के लिए जो भी संभव होगा किया जाएगा।
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