वैशाली (गोरौल) : सरकारी विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से जर्जर है। उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय, बकसामा के प्रभारी प्रधानाध्यापक का तो मामला ही अलग है। वे अपनी सहूलियत के हिसाब से विद्यालय चलाते हैं।
कहने को तो यहां प्रभारी प्रधानाध्यापक सहित 13 शिक्षक हैं। लेकिन, जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी दिनेश प्रसाद सिंह ने विद्यालय का निरीक्षण किया तो निरीक्षण मात्र छह शिक्षक ही उपस्थित मिले। प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार सहित शिक्षक उमेश कुमार, काजल किरण और यासमीन खातून बिना सूचना के गायब थे।
इतना ही नहीं, बिना प्रभार लिये ही शिक्षक ऋषिकेश तिवारी ने दो शिक्षिकाओं के छुट्टी के आवेदन स्वीकृत भी कर दिये थे।विद्यालय में वर्ग 1 से 8 तक कुल नामांकित 540 बच्चों में 254 बच्चों की हाजिरी बनाई गई थी। लेकिन निरीक्षण के दौरान मात्र 25 बच्चे पाये गये। यहां नौवीं और दसवीं में 625 छात्रों का नामांकन है, लेकिन निरीक्षण के दौरान मात्र छह छात्र विद्यालय में थे। यहां पर बिना उपस्थिति के ही हाजिरी बनाने का मामला सामने आया।
मालूम हो कि वर्ग दसवीं के छात्र रवि कुमार के अभिभावक कैलाश पासवान ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को शिकायत की थी कि दसवीं के फॉर्म भरने में निर्धारित राशि 835 के बदले 1050 रुपये विद्यालय प्रभारी ने लिये हैं। उन्होंने उक्त राशि की रसीद भी नहीं दी है।
इसी मामले की जांच के लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विद्यालय पहुंचे थे। जांच के दौरान माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक सतीश कुमार ने दसवीं के फॉर्म भरने से संबंधित कोई भी कागजात प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के सामने प्रस्तुत नहीं किया।
शिकायत कर्ता कैलाश पासवान के अनुसार जब अधिक राशि लेने की बात खुली तो प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार उनके घर पहुंच गए और अधिक ली गई राशि लौटाने की बात कहते हुए अभद्र व्यवहार भी किया। मालूम हो कि इससे पहले भी कई बार इस विद्यालय का निरीक्षण पदाधिकारियों के द्वारा किया गया। कमोबेश हमेशा इस विद्यालय की यही स्थिति रहती है।
निरीक्षण का कोई प्रभाव इस विद्यालय के शिक्षकों पर नहीं पड़ता है। विभाग भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं करता है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी दिनेश प्रसाद सिंह ने बताया कि संबंधित प्रभारी प्रधानाध्यापक सहित गैरहाजिर सभी शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछा जाएगा और नियम संगत कार्रवाई की जाएगी।
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