बिहार के रोहतास जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षक व्यवस्था को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जिला शिक्षा विभाग की जांच में सामने आया है कि 101 शिक्षक स्कूल आए बिना मोबाइल ऐप के जरिए उपस्थिति दर्ज कर रहे थे.

यह हेराफेरी ई-शिक्षा कोष ऐप के माध्यम से की गई, जहां लोकेशन और समय के साथ फोटो अपलोड कर उपस्थिति दिखानी होती है. फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद विभाग ने सभी शिक्षकों का वेतन रोक दिया है और कारण बताओ नोटिस भेजा है.



अगर इन शिक्षकों का जवाब असंतोषजनक पाया गया, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तय मानी जा रही है. शिक्षा विभाग ने जब ऐप पर अपलोड की गई शिक्षकों की उपस्थिति, समय, फोटो और लोकेशन की बारीकी से जांच की, तो पता चला कि कई शिक्षक स्कूल आए ही नहीं थे.



बावजूद इसके, उन्होंने ऐप के ‘मार्क ऑन ड्यूटी’ ऑप्शन का दुरुपयोग कर गलत तरीके से खुद को हाजिर दिखाया. कुछ मामलों में छुट्टी के समय (‘मार्क आउट’) की भी एंट्री नहीं की गई थी, जिससे साफ जाहिर होता है कि ये उपस्थिति सिर्फ कागजों तक सीमित थी.



डीईओ मदन राय ने इस मामले को गंभीर अनुशासनहीनता बताया है. उन्होंने यह भी माना कि इतने बड़े स्तर पर फर्जी हाजिरी बिना प्रधानाध्यापकों की मिलीभगत के संभव नहीं हो सकती. जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ शिक्षकों ने अपने सहकर्मियों की मदद से पहले से ली गई फोटो अपलोड कर उपस्थिति दर्शाई. यह प्रक्रिया साफ तौर पर शिक्षकीय आचरण के विपरीत है.

Be First to Comment