मुजफ्फरपुर नगर निगम में अब आर-पार की लड़ाई का माहौल बन रहा है. अपनी विभिन्न लंबित मांगों को पूरा न किये जाने से आक्रोशित नगर निगम के कर्मचारी और सफाई कर्मी अब बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने में जुट गये हैं.

प्रशासन को घेरने की पूरी तैयारी शुरू हो चुकी है और कर्मचारियों का कहना है कि अनिश्चितकालीन हड़ताल के अलावा अब उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा है. कर्मचारियों का सबसे बड़ा आक्रोश सफाई कर्मियों की रोजाना की मजदूरी में 50 रुपये की बढ़ोतरी को लेकर है.


सशक्त स्थायी समिति और निगम बोर्ड ने जनवरी से ही इस बढ़ोतरी को लागू करने का आदेश दिया था, लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया है. इसके अलावा बोर्ड से निर्णय के बावजूद फैमिली पेंशन का भुगतान भी लंबित पड़ा है, जिससे कर्मचारियों के परिवारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


सातवें वेतनमान को लागू करने में भी प्रशासनिक स्तर पर उदासीनता बरतने का आरोप कर्मचारी संघ ने लगाया है. गुरुवार को जिला स्कूल में कर्मियों की एक बड़ी आम सभा हुई, जिसे यूनियन नेता अशोक राय ने संबोधित किया.


उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के ”अहंकारी” रवैये पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की. राय ने बताया कि शनिवार को फिर एक महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें अनिश्चितकालीन आंदोलन की पूरी रूपरेखा तैयार की जायेगी. कर्मचारी संघ का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों का कर्मियों के प्रति जो रुख है, वह बेहद निराशाजनक है.



बोर्ड और सशक्त स्थायी समिति के निर्णयों की भी अवहेलना की जा रही है, जिससे कर्मचारियों में गहरा असंतोष है. इस स्थिति में अपनी मांगों को मनवाने के लिए उनके पास अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. यह आंदोलन न केवल सफाई व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है, बल्कि निगम के अन्य कार्यों पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा.
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