पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर, आतंकवाद, जल बंटवारे और व्यापार सहित लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत के साथ शांति वार्ता में शामिल होने की इच्छा जताई. ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के साथ तेहरान में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए शरीफ ने कहा, हम कश्मीर मुद्दे और जल मुद्दे सहित सभी विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहते हैं.

शरीफ वर्तमान में अपने चार देशों के दौरे के दूसरे चरण में हैं, वे तुर्की से ईरान की राजधानी पहुंचे हैं. द्विपक्षीय वार्ता से पहले सादाबाद पैलेस में राष्ट्रपति पेजेशकियन ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया. बातचीत की पेशकश को आगे बढ़ाते हुए शरीफ ने एक चेतावनी नोट भी जारी किया जिसमें आक्रामकता की स्थिति में सख्त जवाब देने की चेतावनी दी गई.



उन्होंने कहा कि अगर भारत आक्रामक बने रहना चुनता है तो हम अपने क्षेत्र की रक्षा करेंगे जैसा कि हमने कुछ दिन पहले किया है. लेकिन अगर वे शांति की मेरी पेशकश को स्वीकार करते हैं तो हम दिखाएंगे कि हम वास्तव में शांति चाहते हैं.



उनकी यह टिप्पणी 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी. जवाबी कार्रवाई में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया.



पाकिस्तान ने 8 से 10 मई के बीच भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले करने की कोशिश की, जिसके बाद भारत ने कड़े जवाबी कदम उठाए. 10 मई को डीजीएमओ स्तर की वार्ता के दौरान संघर्ष विराम समझौते पर पहुंचने के बाद शत्रुता कम हुई.

द्विपक्षीय संबंधों पर शरीफ ने कहा कि पाकिस्तानी और ईरानी प्रतिनिधिमंडलों के बीच व्यापार, निवेश और व्यापक सहयोग पर चर्चा हुई और यह बहुत ही उपयोगी और उत्पादक बैठक थी. उन्होंने कहा, इस बात पर पूरी सहमति थी कि हमारे दो भाईचारे और पड़ोसी देशों को व्यापार, निवेश, वाणिज्य वास्तव में जीवन के हर क्षेत्र में अपना सहयोग बढ़ाना चाहिए.
Be First to Comment