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पहले पाउडर वाली दवा घोलें, उसके बाद लिक्विड वाली दवा  घोलने से मिलते अच्छे परिणाम

मीनापुर प्रखंड मुख्यालय स्थित इ-किसान भवन में बुधवार को शारदीय (खरीफ) महाभियान प्रशिक्षण सह उपादान वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया़ अध्यक्षता आत्मा अध्यक्ष राजकिशोर प्रसाद ने की, जबकि संचालन बीटीएम शालिनी कुमारी ने किया.

कृषि समन्वयक मनोज कुमार ने आधुनिक तरीके से खेती करने पर बल दिया. उन्होंने धान का बिचड़ा गिराने, खर पतवार को नियंत्रित करने, धान की रोपनी, समय पर जैविक व रासायनिक खाद की मात्रा व पटवन के बारे में किसानों को जानकारी दी. कीटनाशक को घोलने के पहले पाउडर वाली दवा घोलें, उसके बाद लिक्विड वाली दवा को घोलने से अच्छे परिणाम मिलते हैं.

धान की खेती में हर हाल में जिंक का इस्तेमाल करने की सलाह दी. साथ ही जिंक व डीएपी को एक साथ प्रयोग नहीं करने की भी हिदायत दी. पूर्व कृषि वैज्ञानिक डॉ गोपिलेश झा ने धान चालीसा के माध्यम से धान के गुणों, खेत की जुताई, बिचड़ा लगाने व प्रबंधन से संबंधित जानकारी दी.

पूर्व पैक्स अध्यक्ष सह किसान शिवचंद प्रसाद ने किसानों की माली हालत से अधिकारियों को अवगत कराया. खाद-बीज दुकानदारों से ठगाने, कृषि विभाग की ओर से किसानों के हितों की रक्षा के बजाय कागजी खानापूर्ति करने से लेकर किसानों को विभाग पर विश्वसनीयता कम होने पर सवाल खड़ा किया.

उनका कहना था कि किसान अपनी सारी शक्ति लगाकर उत्पादन करता है. जब अनाज बेचने की बारी आती है, तो सरकार की ओर से उचित समय पर खरीददारी नहीं की जाती है, जिससे किसान विवश होकर बिचौलियों के हाथ अनाज बेचकर घाटे में चला जाता है. कृषि विभाग को भी किसानों की चिंता नहीं रहती है.

कार्यक्रम को जिला पार्षद डॉ ओम प्रकाश, मुखिया वरुण सरकार, पंसस अनिरुद्ध यादव, तेजनारायण सहनी, इंदल शर्मा ने संबोधित किया. मौके पर पैक्स अध्यक्ष मोहन प्रसाद, अशोक झा, को-ऑर्डिनेटर राजीव कुमार, किसान सलाहकार उदय कुमार सहित अन्य किसान मौजूद रहे.

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