बिहार में विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले यानी सितंबर तक बिहार सरकार करीब 2.75 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने की तैयारी में है. इसमें अफसर ग्रेड से लेकर क्लर्क और सिपाही तक की भर्ती होगी.

इसको लेकर मुख्य सचिव ने 15 दिनों के भीतर दो महत्वपूर्ण बैठकें कर ली हैं. इसके अलावा चुनाव से पहले-पहले नीतीश सरकार संविदा यानी कॉन्ट्रैक्ट पर सालों से काम कर रहे कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी बनाने जा रही है. इसको लेकर भी दो बड़ी बैठक हो चुकी है. इसकी प्रक्रिया अंतिम फेज में है.

चुनाव से पहले प्रदेश सरकार कॉन्ट्रैक्ट यानी संविदा पर काम कर रहे डाटा एंट्री ऑपरेटर, आईटी मैनेजर आदि कर्मियों को सरकारी कर्मी का दर्जा देने जा रही है. सामान्य प्रशासन विभाग के सूत्रों की मानें तो इसको लेकर दो महत्वपूर्ण बैठकें हो चुकी हैं.

सूत्रों के अनुसार, डाटा एंट्री ऑपरेटर को क्लर्क पद पर सेटल किया जा सकता है. बिहार में सीएम सचिवालय से लेकर प्रखंड स्तर पर 50 हजार से अधिक कर्मी ठेके पर तैनात हैं. पूर्व मुख्य सचिव एके चौधरी की अध्यक्षता में उच्च समिति का गठन 24 अप्रैल 2015 को किया गया था.





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