ओलावृष्टि के साथ हुई जोरदार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है़ शाम करीब 6 बजे ओलावृष्टि व तेज बारिश ने कटनी कर रखी गयी गेहूं फसल को भीगा दिया़ वहीं थ्रेसिंग के लिए रखी गयी गेहूं फसल को तेज हवा ने उड़ा दिया.

ओलावृष्टि व बारिश ने गेहूं के अलावा आम व लीची के साथ ही गर्मा फसल को भी भारी क्षति पहुंचायी है. बारिश ने कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों की कमर तोड़ दी है.


अब कर्ज चुकाने की चिंता सताने लगी है. रतवारा के किसान रामाकांत राय ने बताया कि पांच एकड़ में लगी गेहूं की फसल काट कर दौनी के लिए रखा था. तेज हवा ने उसे उड़ा दिया. वहीं खेतों लगी फसल को पत्थर ने तहस-नहस कर दिया.


रामपुर के पैक्स अध्यक्ष व किसान गोपाल प्रसाद यादव ने कहा कि गेहूं की फसल तो बर्बाद हो ही गयी, ओलावृष्टि ने आम व लीची के टिकोलों को भी बर्बाद कर दिया है.


राजखंड रामखेतारी के किसान जेयाउल इस्लाम ने बताया कि बैंक से कर्ज लेकर 10 एकड़ में गेहूं की खेती की थी, अब तक गेहूं का दाना घर में नहीं आया है, जिससे कर्ज में डूब गये हैं.

बैगना के भाजपा नेता व किसान हरिओम कुमार ने कहा कि सरकार किसानों को जल्द से जल्द क्षतिपूर्ति दे, ताकि नुकसान की कुछ हद तक भरपाई की जा सके
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