दंड-बै’ठक नहीं करने व अख’बार नहीं पढ़’ने पर गुस्सा’ये पिता ने मा’सूम बेटे और बे’टी की जान लेने की को’शिश की। दी’घा थाना क्षेत्र के 83 नंबर घाट पर पिता ने पहले बे’टे को गंगा में फें’क दिया। इसके बाद बे’टी को फें’कने की तैयारी कर ही रहा था, तभी वहां मौ’जूद लोगों ने उ’से पक’ड़ लिया और दोनों मा’सूमों की जा’न भी बचा ली।
बता’या गया है कि सू’चना पर दीघा थाने की पुलि’स मौके पर पहुं’ची और लक्ष्मी नगर के र’हने वाले शत्रुघ्नन पां’डेय और उनके दो’नों बच्चों को था’ने ले आई। थाना प्र’भारी मनोज कु’मार सिंह ने बता’या कि शत्रुघ्नन कड़ी फट’कार लगाई और बां’ड भरवा’कर छोड़ दिया। पुलि’स ने चेता’वनी दी है कि यदि दोबा’रा ऐसी गल’ती की तो कड़ी कार्र’वाई की जा’एगी।
निर्दयी पि’ता को हर कोई को’स रहा
थाने’दार मनोज ने बता’या कि शत्रुघ्न ने अपने सा’त साल के बेटे का रोज अख’बार पढ़ने और 25 बार दंड बैठक ल’गाने की कड़ी नसी’हत दी है। शनिवार को बच्चे ने न अख’बार पढ़ा और न ही दंड बैठ’क लगा’यी। रात भर काम कर’ने के बाद जब पिता घर लौ’टा तो पूछ’ने पर उस’ने झूठ बोल दिया। इधर, कुछ देर बाद शत्रु’घ्न को पता चल ग’या। कि उसके बेटे ने झू’ठ बोला है। इसी गुस्से में व’ह बेटे का बेर’हमी से पी’टा। फिर उसे और डेढ़ सा’ल की बेटी को लेकर बा’इक से गंगा में फेंक’ने निकल गया। घाट पर पहुं’चने के बाद उसने बे’टे को पानी में फें’क दिया, हालां’कि लोगों ने तब तक देख लि’या और बेटे को बचा लिया। इस घटना की खबर जैसे ही लोगों को कानोंकान हुई तो हर कोई यह कदम उठाने वाले पिता को को’सने लगा।
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