बिहार में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने नया प्लान बनाया है। पटना मौसम विज्ञान केंद्र बिहार के प्रमुख शहरों में प्रदूषण की स्थिति का पूर्वानुमान भी जारी करेगा। प्रायोगिक तौर पर पटना में दो दिनों से तीन दिन का प्रदूषण पूर्वानुमान जारी हो रहा है। आने वाले दिनों में गया, भागलपुर, मुजफ्फरपर आदि में भी पूर्वानुमान किया जा सकेगा। क्रमिक रूप से इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार पूर्वानुमान में वायु सूचकांक, वायु गुणवत्ता और हवा के प्रवाह की जानकारी दी जा रही है। प्रदूषण की गंभीरता क्या है, इसके अलग-अलग रंगों के जरिये अलर्ट के रूप में जारी किया जा रहा है। दरअसल, सर्दियों में प्रदूषण की स्थिति विकराल हो जाती है। वातावरण में मौजूद महीन धूलकण नीचे आ जाते हैं जो मानव के श्वास नली से लेकर फेफड़े तक में जमा हो जाते हैं। इससे खांसी, दमा और टीबी जैसी बीमारियों से लोग ग्रसित हो जाते हैं। पूर्वानुमानों से लोग एहतियात बरते सकेंगे। प्रदूषण रोकने के उपायों पर अमल किया जा सकेगा और लोग बेवजह की परेशानियों से बचेंगे।
बिहार के सभी जिलों में पुरानी डीजल गाड़ियों के परिचालन पर रोक है। पटना नगर निगम क्षेत्र, फुलवारी, खगौल और दानापुर नगर परिसर क्षेत्र में डीजल से संचालित नगर सेवा बसों के परिचालन बंद है। ये बसें प्रदूषण बढ़ाने में अहम कारक मानी जा रहीं थीं। बसें बंद होने से प्रदूषण में कमी के आसार जताए जा रहे हैं। सरकार के इस निर्णय से पूरे राज्य में हवा की गुणवत्ता में सुधार के आसार हैं।
पटना के लिए प्रदूषण से जुड़ा यह पूर्वानुमान सेटेलाइट से प्राप्त आंकड़े और मॉडल के आधार पर जारी किए जा रहे हैं। इसे और बेहतर किया जाएगा। इसके लिए बिहार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड आईआईटी व अन्य संस्थानों की मदद भी ले रहा है। अभी आईएमडी दिल्ली की तर्ज पर फिनलैंड आधारित मॉडल का सहारा लिया जा रहा है।
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