गया: गया में पितृपक्ष मेला का उद्घाटन आज शाम होगा। लेकिन मेले के उद्घाटन के साथ ही शहर के स्कूली बच्चों की पढ़ाई भी बुरी तरह प्रभावित होने वाली है। दरअसल शहर के 38 स्कूलों को आवासन स्थल बना दिया गया है। और पिंडदानियों के रुकने के लिए स्कूल खाली करा दिए गए हैं। वहीं बच्चों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। बुधवार को स्कूलों की सूची भी जारी कर दी गई कि किस स्कूल के बच्चे कहां जाकर पढ़ाई करेंगे। लेकिन सूची देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि 15 दिनों तक बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी।
अंदाजा इससे लगा लीजिए कि टी-मॉडल हाफ टाइम स्कूल को वरदा मध्य विद्यालय में शिफ्ट किया गया है और वरदा मध्य विद्यालय टी-मॉडल से करीब दो-ढाई किलोमीटर दूर है। इतनी दूरी पर बच्चे कैसे पढ़ने जाएंगे, कोई भी समझ सकता है। इसी तरह चांदचौरा प्राथमिक विद्यालय के सिर्फ दो कमरों में 30 बच्चों की पढ़ाई होती है, लेकिन यहां दो और स्कूलों- कृष्णकांत और समीरतकिया को भी शिफ्ट कर दिया गया है। इन दोनों स्कूलों में करीब 500 बच्चे हैं। इस तरह 500 से अधिक बच्चे चांदचौरा में दो कमरों में कैसे पढ़ेंगे, कोई भी समझ सकता है।
ये स्कूल तो सिर्फ उदाहरणभर हैं, अगर पढ़ाई-लिखाई का ठीक से निरीक्षण हो जाए, तो पता चल जाएगा कि विभाग गरीब बच्चों की शिक्षा के प्रति कितना जागरूक है। आरटीई के नियमों का कितना पालन हो रहा है। दूसरी तरफ 440 शिक्षकों को भी पितृपक्ष मेले में लगा दिया गया है। शिक्षक नेता सत्येंद्र कुमार कहते हैं कि हर साल पितृपक्ष मेले में आरटीई की धज्जियां उड़ती हैं। बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित होती है, लेकिन अधिकारियों की इसकी चिंता नहीं रहती।
बीते दिनों केके पाठक के शिक्षा विभाग की सिर्फ से कई आदेश जारी हुए और निर्देश भी दिए गए कि शिक्षक सिर्फ शिक्षण काम करेंगे। दूसरे कार्यों में नहीं लगाए जाएंगे। शिक्षकों की छुट्टी में कटौती होगी, क्योंकि आरटीई के तहत बच्चों को निश्चित दिनों तक पढ़ाना अनिवार्य है। जिस पर हंगामा भी खूब मचा, आरटीई की दुहाई भी खूब दी गई। शिक्षा सुधार की बातें भी तेज हुई, लेकिन पितृपक्ष मेले के कारण सारे नियम एक बार फिर टूटते नजर आ रहे हैं।
दो-चार-दस नहीं, शहर के 38 स्कूल पिंडदानियों के लिए खाली करा लिए गए हैं और 440 शिक्षकों को पितृपक्ष मेले में प्रतिनियुक्त कर दिया गया है। वहीं शिक्षा के विभाग के एसीएस केके पाठक तो स्कूलों के निरीक्षण के दौरान यहां तक कह चुके हैं कि परीक्षा वाले दिन भी रोज की तरह पढ़ाई होगी। और लंच के बाद एग्जाम लिया जाए। साथ ही बारिश में भी स्कूलों की छुट्टी नहीं की जाएगी। और टीचरों से लेकर बच्चों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
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