भागलपुर। जलवायु परिवर्तन के कारण इस बार नीयत समय से एक सप्ताह पहले ही जर्दालू आम बाजार में उतर जाएगा। पिछले हफ्ते तीव्र गर्मी और उसके बाद बारिश से मौसम में नमी आने से आम के आकार में वृद्धि होने लगी है। बगीचों में लगे आम में कोसा (गुठली) आ गया है। किसानों ने निर्यातकों से संभावित भाव पर तोलमोल शुरू कर दिया है। बीते साल की तुलना में इस बार बंपर पैदावार की उम्मीद विभाग कर रहा है। जिला कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार यादव ने बताया कि करीब 12 हजार हेक्टेयर में बाग हुआ है। ऐसे में यदि आंधी-पानी न आए तो 10.80 क्विंटल उत्पादन संभव है। मई के अंतिम सप्ताह में आम मिलना शुरू हो जाएगा।
फलन बेहतर, सौ के करीब आम की कीमत होने की उम्मीद
आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि पिछले बार ऑफ सीजन रहने और काम उत्पादन होने से नई दिल्ली स्थित बिहार भवन भेजने में देरी हुई थी। पिछली बार एक जून को विक्रमशिला एक्सप्रेस से 2000 कार्टन आम दिल्ली भेजा गया था। जहां से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत कई गणमान्य लोगों को उपहार स्वरूप दिया गया। इस बार उत्पादकता को देखने के बाद दो-चार दिन पहले ही बिहार भवन भेज दिया जाएगा। जर्दालू आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बताया कि पिछले साल से इस बार का फलन बेहतर है। किसानों को अच्छी आमदनी होगी। इस बार भागलपुर के बाजार में एक सौ रुपये के आसपास जर्दालू की कीमत होने की संभावना है।
27 मीट्रिक टन का सौदा बेल्जियम-बहरीन में
विदेशों में जर्दालू सप्लाई करने वाले आभा रतनपुर के किसान मनीष कुमार सिंह ने बताया कि 27 मीट्रिक टन का ऑर्डर उनके पास है। जो बेल्जियम, बहरीन समेत अन्य खाड़ी देशों में भेजा जाएगा। विदेशों में इस बार पहले आम भेजने से कीमत अच्छी मिलेगी। तीखी धूप और बारिश के बाद फल 20-25 मई तक तैयार होने की उम्मीद है। विदेशों में आम सप्लाई के लिए लखनऊ या वाराणसी के पैक हाउस की मदद लेनी होगी। इस बार भागलपुर में कोई पैक हाउस मानक अनुरूप तैयार नहीं हो पाया है।
इस बार तीन किलो का पैकेट जायेगा विदेशों में
मौसम में बदलाव व बंपर पैदावार की संभावना पर पैकिंग की बनाई जा रही योजना के बारे में बीएयू के सीनियर साइंटिस्ट फिजा अहमद ने बताया कि मंगलवार को मुंबई स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग के डायरेक्टर डॉ. मो. तनवीर आलम सबौर में थे। उन्हें 3 किलो के गत्ते का पैकेट बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। कम वजन से आम सड़ने की संभावना कम होगी। दो दिन पहले ही सबौर में एपीडा वाराणसी के अधिकारी आनंद प्रकाश भी आए थे। उन्होंने भी विदेशों में सप्लाई के लिए 3 किलो के गत्ते को सही माना। इससे न सिर्फ क्वालिटी कंट्रोल रहेगा, बल्कि लोगों को सुविधा भी होगी।
23 मई को बाजार में उतरेगा सीजन का पहला आम
डॉ. फिजा ने बताया, 23 मई से जर्दालू उपलब्ध हो जायेगा। बढ़िया क्वालिटी 26-27 मई तक मिलेगी। जर्दालू का सीजन मात्र 10 से 12 दिन का होता है। 15 जून के बाद नवगछिया इलाके का जर्दालू बाजार में आता है, जिससे भाव चढ़ने लगता है। उन्होंने बताया कि जर्दालू आम सबसे पहले सुल्तानगंज इलाके में पकता है। इसके बाद कहलगांव-पीरपैंती में। फिर नवगछिया इलाके में। उन्होंने बताया कि 3 किलो के गत्ते की पैकेजिंग का मॉडल और अनुमोदन का प्रस्ताव बिहार सरकार को दिया गया है। वहां से अनुमति के बाद सप्लाई के पैकेट 3 किलोग्राम के होंगे।
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