नालंदा: सूबे के उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य विभाग के मंत्री तेजस्वी यादव जब से कमान संभाले हैं, तब-से आए दिन किसी न किसी तरह की योजना संचालित करवा कर इस विभाग की कमियों को दूर करने की कवायद शुरू है। कुछ दिन पहले राज्य के सदर अस्पतालों में पहले से उपलब्ध सुविधाओं में बढ़ोतरी और निजी अस्पतालों की तरह मरीज को अधिक कठनाई से बचाने के लिए मिशन- 60 चलाया जा रहा है।
लेकिन बिहार के नालंदा जिले के मुख्यालय बिहारशरीफ के सदर अस्पताल में मरीजों के इलाज में कोताही बरती जा रही है। इसके साथ ही मरीजों को मिलने वाली मुख्य सुविधाओं का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है। पहले से बेहतर संसाधन उपलब्ध करवाए गए है। लेकिन, इसके बाबजूद अब एक सच्चाई सामने आई है। यहां जिले के कमरुद्दीन गंज मोहल्ला निवासी राजीव प्रसाद की पत्नी को प्र’सव पी’ड़ा हुआ। जिसके बाद उनके तरफ से इसको लेकर सदर अस्पताल से एंबुलेंस की मांग की गई , जिसके जवाब में अस्पताल द्वारा यह कह दिया गया कि अस्पताल में इस समय एंबुलेंस नहीं है। जबकि हकीकत यह है कि, हाल ही के दिनों में इस सदर अस्पताल में मिशन- 60 के तहत आधुनिक सुविधा से लैस एंबुलेंस उपलब्ध करवाए गए हैं।
इधर, अस्पताल के मनाही मिलने बाद परेशान राजीव प्रसाद ने सब्जी बेचने वाले ठेले पर लिटाकर अपनी पत्नी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। इस तरह अस्पताल आने के बाबजूद भी अस्पताल प्रसाशन की नींद नहीं टूटी। इस मरीज को अस्पताल के तरफ से किसी ने स्ट्रक्चर मुहैया नहीं कराया। जिसके बाद परिवार के लोगों ने ठेला इमरजेंसी वार्ड में घुसा दिया। जिसे देखकर लोग काफी आश्चर्यचकित हुए।
गौरतलब हो कि, नालंदा सदर अस्पताल का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के कई मामले यहां से निकल कर सामने आते रहे हैं। इससे पहले यह देखा गया था कि राज्य पुलिस की टीम को भी एक श’व के पोस्टमार्टम के लिए सुबह से रात टाक का इंतजार करना पड़ा था।
इसके साथ ही कुछ दिन पहले अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से एक्स-रे रूम तक ले जाने के लिए भी स्ट्रक्चर मुहैया नहीं कराया गया था। जिसके बाद महिला द्वारा ही गोद में उठाकर ले जाकर एक्स-रे कराया गया है। ऐसे में अब बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव का मिशन 60 फेल दिखाई दे रहा है।
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