पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतं’की गतिविधियों की संलिप्तता के चलते पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। बिहार बीजेपी ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि पटना में नीतीश कुमार की नाक के नीचे 20 हजार लोगों ने आतंकी ट्रेनिंग ली थी। सुशील मोदी ने कहा कि शिवानंद तिवारी ने पीएफआई के पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे का समर्थन किया था। वहीं, गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर बाय बाय पीएफआई लिखा है।
बीजेपी नेता निखिल आनंद ने बयान जारी कर कहा कि पीएफआई सिमी का ही बदला हुआ रूप है। कभी सिमी ने देश को आतंक की आग में झोंकने की साजिश रची, अब पीएफआई यही काम कर रहा था। पीएफआई ने पूरे देश में अपना नेटवर्क फैलाया। खासकर मुस्लिम बाहुल्य सीमावर्ती जिलों में अपना प्रभाव बढ़ाया। इसके संबंधित संगठनों ने चैरिटी के जरिए आतंक की जड़ें जमाई। ये लोगों को प्रलोभन देकर आतंक की आड़ में धकेलेन का काम कर रहे हैं।
पिछले दिनों पटना में नीतीश कुमार की नाक के नीचे पीएफआई की साजिश का खुलासा हुआ। 20 हजार लोगों ने यहीं से ट्रेनिंग ली, ये आश्चर्य की बात है। इस तरह के संगठनों को बैन करना अच्छी बात है। ये तथाकथित धर्मनिरपेक्ष और तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले पार्टियों को चेतावनी है कि राष्ट्रविरोधी संगठनों के साथ गठजोड़ कर राजनीति ना करें।
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि महागठबंधन के नेता शिवानंद तिवारी ने पीएफआई द्वारा पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे का समर्थन किया था। कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार ने पीएफआई के 1600 लोगों पर 160 FIR वापस ली थी। ।GOB फुलवारी मामले को NIA को देने का विरोध कर रही थी। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि उम्मीद है महागठबंधन सरकार में जो पीएफआई समर्थक अफसर बैठे हैं अब उनपर भी बिहार सरकार कार्रवाई जरूर करेगी।
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