पटना : भाजपा के एमएलसी देवेश कुमार का वायरल वीडियो पूरे बिहार में चर्चा का विषय बन गया है. पटना के आर ब्लॉक दीघा सिक्स लेन अटल पथ पर सड़क दुर्घ’टना के बाद भाजपा एमएलसी देवेश कुमार के साथ कुछ युवकों की कहासुनी का वीडियो वायरल हुआ है.
वायरल वीडियो में युवक आरो’प लगा रहे हैं कि भाजपा एमएलसी देवेश कुमार शरा’ब के न’शे में धु’त हैं और बॉडीगार्ड साथ रहने के कारण धौं’स दिखाने में लगे हैं. घट’ना 7 जुलाई रात 1:15 बजे की बताई जा रही है. हालांकि, मुजफ्फरपुर न्यूज़ इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. इस संबंध में पटना पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर आरो’प लगे हैं.
एमएलसी की जांच के मामले में लापरवाही पर घिरी पटना पुलिस के एसएसपी मनजीत सिंह ढिल्लों का बयान सामने आया है. एसएसपी ढिल्लों ने बताया है कि भाजपा एमएलसी के मुंह से श’राब की गंध आ रही थी, लेकिन उन्होंने ब्रेथ एनालाइजर जांच कराने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्हें पीएमसीएच भेजा गया जहां खून और पेशाब के सैंपल टेस्ट के लिए दिए गए हैं. एसएसपी की मानें तो जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. प्रारंभिक जांच में शराब के सेवन की पुष्टि नहीं हुई और इसलिए उन्हें निजी मुचलके पर थाने से रिहा कर दिया गया.
यह था मामला
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क के पीछे स्कॉर्पियो चालक ने गाड़ी से ट’क्कर मा’र दी थी. इसके बाद पाटलिपुत्र थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई थी और चालक डॉक्टर संजय चौधरी को हिरासत में ले लिया था. चालक संजय चौधरी के श’राब पीने की पुष्टि भी हो गई और उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया. थोड़ी देर में वहां मिलने के लिए भाजपा एमएलसी देवेश कुमार पहुंच गए.
बताया जाता है कि उसी दौरान एमएलसी के नशे में होने के संदेह पर ब्रेथ एनेलाइजर से जांच के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. हालांकि, पुलिस ने उनका ब्लड और यूरिन सैंपल टेस्ट के लिए लिया है.
क्या ब्रेथ एनालाइजर से जांच एच्छिक है?
गिरफ्तार संजय चौधरी को कोर्ट में उपस्थित कराया गया था, जहां जुर्माने की राशि और सुनने के बाद उन्हें रिहा किया गया. पटना पुलिस का यह भी दावा है क भाजपा एमएलसी द्वारा दिए गए ब्लड और यूरीन जांच की रिपोर्ट आने की कोई समय सीमा नहीं है और अगले तीन-चार दिनों में रिपोर्ट नहीं आती है तो फिर एफएसएल को इस पूरे मामले को लेकर पत्र लिखा जाएगा.
दरअसल पटना पुलिस की मानें तो भाजपा एमएलसी ने ब्रेथ एनालाइजर से जांच कराने से मना कर दिया था. इसलिए उनकी ब्रेथ एनालाइजर से जांच नहीं कराई गई, लेकिन अगर पटना पुलिस के दलील को सही मान लें तो क्या पटना पुलिस सभी मामलों में ऐसा करती है? अगर कोई ब्रेथ एनालाइजर से जांच नहीं कराए तो क्या वह मान लेती हैं?
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