भागलपुर के बाजार में फलों के राजा आम के कई किस्म उतरे हैं। आम ने अपनी दमदार उपस्थिति बाजार में दर्ज की है, पर इसके अधिक भाव सुनकर लोग खरीदने की हिम्मत अभी नहीं जुटा पा रहे हैं. कुछ लोग आम खरीद भी रहे हैं, तो बच्चों-बूढ़ों के लिए, वह भी पीस के हिसाब से। कीमत के कारण आम के शौकीन खरीदकर इसका लुत्फ उठा रहे हैं, पर आम फिलहाल आम आदमी से दूर ही नजर आ रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक, फल विक्रेताओं का कहना है कि आम आदमी की पहुंच से अभी आम भले ही दूर जरूर है, लेकिन धीरे-धीरे आवक बढ़ने पर जैसे ही दाम कम होंगे, वैसे ही लोगों की खरीदारी बढ़ने लगेगी। फिलहाल बाजार में अलफांसो, गुलाब खास, तोतापरी, बैगनफली, संथन मालदह और मिठुआ है. फिलहाल आम के भाव 150-200 रुपये प्रति किलो है।
फल के थोक कारोबारियों का कहना है कि धीरे-धीरे आवक बढ़ने पर ही दाम कम होंगे. बाजार में इस वक्त आंध्र प्रदेश, केरल, ओडिशा, तमिलनाडु, कर्नाटक से आम आ रहे हैं। सुलतानगंज से जर्दालू और कहलगांव-पीरपैंती से मालदह आम बाजार में आने में देर है. बांका के कुछ क्षेत्रों से कुछ दिनों के बाद ही आम खुदरा बाजार में उतरेगा। उत्तर बिहार के इलाके से खुदरा बाजार में आम आने में कुछ दिन लगेंगे. स्थानीय आम बागान में अभी आम तैयार नहीं हुआ है।
स्थानीय विक्रेताओं का मानना है कि भागलपुर शहर में इस बार बाहर के आम बाजार पर ही निर्भर रहना पड़ सकता है. इस वर्ष आम के मंजर में झुमका रोग भी लग गया है. जिससे फल बड़े होने से पहले ही झुलस कर गिर रहे हैं. बाकी असर गर्मी पूरा कर रहा है।
सबौर व सुलतानगंज के इलाके में इस बार कुछ ही आम बचे हुए हैं पेड़ में. नाथनगर इलाके में तो कई कलमबाग आम से खाली दिख रहे हैं. अन्य क्षेत्रों में भी कम उत्पादन की आशंका है. फिर भी आम के शौकीन बेहतर व सस्ता आम की प्रतीक्षा में हैं।
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