कोरोना वायरस के कहर से कोई भी अछूता नहीं हैं। लैंसेट चाइल्ड एंड एडोलसेंट हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है। मार्च 2020 से दुनिया भर में करीब 50 लाख बच्चों ने कोरोना के कारण माता-पिता या देखभाल करने वाले को खो दिया है। इसके मुताबिक, 20 देशों में प्रभावित बच्चों की संख्या जर्मनी में 2,400 से लेकर भारत में करीब 19 लाख तक है। मिली जानकारी के अनुसार, प्रति व्यक्ति अनुमानित अना’थता के मामलों की गणना से पता चला है कि पेरू और दक्षिण अफ्रीका में उच्चतम दर क्रमशः प्रत्येक 1,000 बच्चों में से 8 और 7 थी। अगर उम्र के हिजाब से देखें तो बड़ी संख्या में 0-4 वर्ष (लगभग 5 लाख बच्चे) और 5-9 वर्ष (7.4 लाख बच्चे) के बच्चे अनाथ हुए। यहां किशोर समूह (10-17) सबसे अधिक प्रभावित (21 लाख बच्चे) हुआ।
ख़बरों के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि 1 मार्च, 2020 और 31 अक्टूबर, 2021 के बीच 52 लाख बच्चों ने एक देखभालकर्ता को खो दिया है। को’विड से जुड़े अनाथता और देखभाल करने वाले की मृ’त्यु से प्रभावित बच्चों की संख्या का अनुमान लगभग दोगुना हो गया है। यह अध्ययन अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र, इंपीरियल कॉलेज लंदन, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, केप टाउन विश्वविद्यालय, विश्व स्वास्थ्य संगठन के शोधकर्ताओं ने मिलकर किया है।अध्ययन से पता चलता है कि कोविड से अना’थ हुए तीन में से दो बच्चे 10 से 17 वर्ष की आयु के किशोर हैं। दुनिया भर में चार में से तीन बच्चे ने महामारी के दौरान पेरेंट्स को खोया, इनमें से ज्यादातर अपने पिता से दूर हुए। अध्ययन के अनुसार, भारत में 19.17 लाख बच्चों ने अपने माता-पिता या देखभाल करने वाले को खो दिया है। 10-17 आयु वर्ग में 49 प्रतिशत ने अपने पिता को खो दिया है, जबकि 15 प्रतिशत ने अपनी मां को कोविड से खो दिया है।
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