वैशाली। जिलाधिकारी उदिता सिंह ने शनिवार को एसडीओ रोड में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 17 पर गर्भवती रेणु देवी को पोषण की पोटली देकर परंपरागत तरीके से गोदभराई की रस्म अदा की। रस्म में जिलाधिकारी उदिता सिंह ने रेणु को पोषक तत्वों की जानकारी के साथ आयोडिन और टिटेनस के टीके की महत्ता को बताया।
इससे पहले उन्होंने कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया। मौके पर उन्होंने गर्भवतियों से अपील करते हुए कहा कि गर्भावस्था में महिला को कैल्शियम का ध्यान रखना चाहिए और समय-समय पर चिकित्सकों से जांच कराती रहनी चाहिए। सभी महिलाओं को अपने दैनिक जीवन में स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषण की जरूरत होती है।
पोषण की कमी होने से महिला में खून की कमी हो जाती है, और वह कुपोषण का शिकार हो जाती है। ज्ञात हो कि महीने की हर 7 तारीख को जिले के सभी आंगनबाड़ी सेंटर पर गोदभराई की रस्म मनाई जाती है।
पौष्टिक लड्डू के बारे में जाना
कार्यक्रम के मौके पर जिलाधिकारी ने टीएचआर के रुप में साप्ताहिक बंट रहे पौष्टिक लड्डू के बारे में भी जाना। आइसीडीएस डीपीओ ललिता कुमारी ने जिलाधिकारी को बताया कि इसे बहुत सारे पौष्टिक खाद्य पदार्थों से मिला कर बनाया जाता है। अभी यह आंगनबाड़ी में नामांकित बच्चों को साप्ताहिक रुप से दिया जा रहा है, जो बच्चों को शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास में सहायक है।
कोरोना काल में घर जाकर हो रही गोदभराई
आईसीडीएस डीपीओ ललिता कुमारी ने बताया कि कोरोना काल में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका अभी लाभुक के घर पर जाकर उनकी गोद भराई की रस्म कर रही हैं।
इसमें गर्भवती को पोषण संबंधी समुचित जानकारी के साथ एएनएम तथा एम्बुलेंस का नंबर भी दिया जाता है, ताकि समय पर सुरक्षित संस्थागत प्रसव को कराया जा सके। वहीं गर्भवतियों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रसव पूर्व जांच की भी सुविधा मिलती है।
इसमें आयरन की गोली मिलती है जिसे 180 दिन तक खाना होता है वहीं 4 माह के गर्भ के बाद कैल्सियम की गोली भी दी जाती है ताकि गर्भवती और उसके पल रहे बच्चे को समुचित विकास हो सके। मौके पर आइसीडीएस की डीपीओ ललिता कुमारी समेत अन्य आइसीडीएस कर्मी भी मौजूद थे।
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