बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनगणना में जातिगत गणना को भी शामिल करने के केंद्र के फैसले का बुधवार को स्वागत करते हुए कहा कि इस निर्णय से देश में विकास को और गति मिलेगी। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र के फैसले को समाजवादियों और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद की जीत बताया।

नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, जाति जनगणना कराने का केंद्र सरकार का फैसला स्वागतयोग्य है। जाति जनगणना कराने की हमलोगों की मांग पुरानी है। यह बेहद खुशी की बात है कि केन्द्र सरकार ने जाति जनगणना कराने का निर्णय किया है।

उन्होंने कहा, जाति जनगणना कराने से विभिन्न वर्गों के लोगों की संख्या का पता चलेगा जिससे उनके उत्थान एवं विकास के लिए योजनाएं बनाने में सहूलियत होगी। इससे देश के विकास को गति मिलेगी।

बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता सम्राट चौधरी ने जातिगत गणना के फैसले का स्वागत करते हुए इसे ‘ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए आगामी जनगणना के साथ जातीय गणना भी कराने का निर्णय लिया है।


चौधरी ने कहा, हमें विश्वास है कि इस फैसले से जरूरतमंद समाज के आर्थिक-सामाजिक पक्ष का सही जानकारी निकलकर आएगा और वंचित तबकों के उत्थान के लिए और अधिक कारगर योजना बनेगी।

राजद ने केंद्र के फैसले को समाजवादियों और पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद की जीत करार दिया। केंद्र की घोषणा के तुरंत बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि जातिगत जनगणना की मांग करने पर हमें जातिवादी कहने वालों को करारा जवाब मिला। अभी बहुत कुछ बाकी है। हम इन संघियों को हमारे एजेंडा पर नचाते रहेंगे।

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, हमारी वैचारिक जीत, सामाजिक न्याय की हमारी लड़ाई अब अगले पड़ाव पर। जो आज हम करते है वो बाकी 35-40 साल बाद सोचते है। अब हम पिछड़ों/अतिपिछड़ों के लिए विधानसभा, विधानपरिषद, लोकसभा और राज्यसभा में सीटें आरक्षित करेंगे। मंडल कमीशन की अनेक सिफारिशें भी अभी लागू होना शेष है।

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