मुजफ्फरपुर : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बिहार के बच्चों के विकास का पोषण ट्रैक के माध्यम से निगरानी का निर्णय लिया है। इसके लिए सामान्य आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों में अपग्रेड किया जाएगा। सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र के लिए कुछ आवश्यक मापदंड तय किये गए हैं, जिनके आधार पर चयन होगा। मंत्रालय के निर्णय के बाद आईसीडीएस निदेशालय ने सभी जिलों से मापदंड पर खरा उतरने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची मांगी है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा है कि जिलों में जिन आंगनबाड़ी केंद्रों के पास अपना भवन, क्रियाशील शौचालय व रसोई घर उपलब्ध हैं, उनको सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों में अपग्रेड किया जाए। ऐसे केंद्रों की सूची मंत्रालय को 15 दिन के अंदर उपलब्ध कराई जानी है, ताकि उन केंद्रों पर और सुविधाएं बहाल की जा सके।
चुने गये आंगनबाड़ी केंद्रों पर इंटरनेट, वाईफाई की सुविधा बहाल की जाएगी। इसके अलावा एलईडी स्क्रीन लगाये जायेंगे, जो विभागीय बैठक के लिए स्क्रीन का काम करेंगे और उसके बाद बच्चों की पढ़ाई व मनोरंजन के लिए टीवी स्क्रीन के रूप में काम करेंगे। इसके साथ ही मंत्रालय पोषण क्षेत्र के सभी बच्चों का शिक्षा व स्वास्थ्य रिकार्ड भी रखेगा। इसके लिए एक पोषण ट्रैक बनाया जा रहा है।
समाज कल्याण विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए प्रत्येक शुक्रवार को उन्हें अंडा देने का निर्णय लिया है। इसके लिए आदेश जारी कर दिये गए हैं। आईसीडीएस निदेशालय की उपनिदेश सह वरीय प्रभारी पदाधिकारी पोषाहार माला कुमारी ने यह आदेश जारी किया है। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को शुक्रवार को अंडा देने के लिए प्रत्येक अंडे की कीमत छह रुपये निर्धारित करते हुए आदेश जारी किया है। जो बच्चे अंडा नहीं खायेंगे, उन्हें भुनी हुई मूंगफली दी जाएगी। प्रति बच्चे को 44 ग्राम भुनी मूंगफली की अनुमति दी गई है।
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