पटना: बिहार के मौसम पूर्वानुमान मॉडल को पांच राज्य अपनाएंगे। राजस्थान, यूपी, झारखंड, ओडिशा व तमिलनाडु ने बिहार के मौसम पूर्वानुमान में दिलचस्पी दिखलायी है। तमिलनाडु के अधिकारियों का दल बिहार मौसम सेवा केन्द्र को देखने आ रहा है। वे बिहार मॉडल को लेकर वरीय अधिकारियों के साथ मुलाकात भी करेंगे। कुछ दिन पहले नासा के वैज्ञानिक भी बिहार का मौसम केंद्र देखने आये थे। योजना एवं विकास विभाग की ओर संचालित मौसम सेवा केन्द्र में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। यह सटीक जानकारी उपलब्ध कराता है। सीएम नीतीश कुमार को भी यह मॉडल बहुत पसंद है। उन्होंने खुद इसका उद्घाटन किया था।
“मौसम बिहार” से राज्य की सभी पंचायतें जुड़ी हुई हैं। यहां से मौसम के पूर्वानुमान की पूरी जानकारी उपलब्ध करायी जाती है। बिहार मॉडल की सबसे खास बात यह है कि इसमें हर पंचायत से हर 15 मिनट पर मौसम पूर्वानुमान की जानकारी आती है। इस प्रकार एक पंचायत से दिनभर में 96 बार डाटा आता है। सभी पंचायतों से दिनभर में 80 हजार से अधिक डाटा संकलित किए जाते हैं। इससे तमाम जानकारी बेहद सटीक उपलब्ध होती हैं।
बिहार मौसम सेवा केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सी.एन. प्रभु के अनुसार प्रखंड स्तरीय मौसम विज्ञान केंद्र से तापमान, आर्द्रता, हवा की गति और दिशा के बारे में हर 15 मिनट पर आंकड़े मिलते हैं। इनको इसरो के सेटेलाइट से मिले आंकड़ों का विश्लेषण विशेष कंप्यूटर साफ्टवेयर के जरिये किया जाता है।
बिहार मौसम सेवा केंद्र 24 घंटे कार्यरत है। लोग दूरभाष एवं मोबाइल ऐप से मौसम संबंधी सूचना प्राप्त कर सकते हैं। शीतलहर, ओलावृष्टि, कोहरे का पूर्वानुमान लगाया जाएगा। इससे लोगों को सलाह एवं चेतावनी दी जा सकेगी। हेल्पडेस्क पर कॉल कर लोग अपने प्रखंड एवं पंचायत के मौसम पूर्वानुमान की जानकारी ले रहे हैं।
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