पटना: बिहार के विश्वविद्यालयों में मनमाने तरीके से कोई भी नया कोर्स शुरू नहीं होगा। न ही मनमाने ढंग से कोई शुल्क लिये जाएंगे। राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सभी विश्वविद्यालयों को बगैर अनुमति के नए कोर्स शुरू नहीं करने का निर्देश दिया है। राज्यपाल सोमवार को राजभवन में बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक कर रहे थे।
राज्यपाल ने यह भी निर्देश दिया कि विद्यार्थियों से राज्यपाल सचिवालय की ओर से निर्धारित शुल्क ही लिये जाएंगे। इसके अतिरिक्त किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में किसी प्रकार का कोर्स शुरू करने के पहले सक्षम प्राधिकार से अनुमोदन अवश्य लिया जाए। बगैर स्वीकृति के किसी नए कोर्स की पढ़ाई शुरू नहीं की जाए। सभी कुलपति इन्हें सुनिश्चित करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थी प्रवेश लेने के पूर्व स्वयं भी इसकी पड़ताल कर लें। बैठक में स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में नामांकन तथा लंबित परीक्षाओं की स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थू, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, राज्यपाल सचिवालय के पदाधिकारी मौजूद थे।
वहीं दूसरी तरफ सोमवार को शिक्षा विभाग के साथ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों सहित अधिकारियों की सोमवार को पांच घंटे बैठक हुई। बैठक के दौरान कुलपतियों ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के खाता संचालन पर रोक तो हटा ली है, लेकिन राशि नहीं भेजने के कारण शिक्षकों व कर्मियों को वेतन व पेंशन का भुगतान नहीं हो पा रहा है।
जनवरी से अप्रैल तक के वेतन और पेंशन भुगतान लंबित हैं। बैठक में वित्तीय नियमावली, वित्तीय नियम कानून, सकल नामांकन अनुपात, कोर्ट से जुड़े मामले, एकेडमिक कैलेंडर, परीक्षा और रिजल्ट प्रकाशन, वार्षिक बजट, विवि में आंतरिक स्रोत की राशि की उपलब्धता, समयबद्ध तरीके से राशि का महत्तम उपयोग और शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के कार्यों को सुगम बनाने जैसे एजेंडों पर चर्चा हुई।
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