पटना: बिहार में शिक्षा विभाग व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लगातार कई प्रयोग किए जा रहे हैं। हालांकि विभाग को इसका लाभ भी मिल रहा है. एक तरफ शिक्षा विभाग स्कूली बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है, तो दूसरी ओर शिक्षकों पर भी विभाग का शिकंजा धीरे-धीरे कस रहा है। गर्मी की छुट्टी में पहले स्कूल पूरी तरह बंद रहते थे। शिक्षक पहले गर्मी की छुट्टी में घरों पर रहते थे, लेकिन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने अब उस परिपाटी को बदल दिया है। यानी गर्मी की छुट्टी में भी अब बिहार के स्कूल खुले रहेंगे और इस दौरान मिशन दक्ष कार्यक्रम के तहत कमजोर बच्चों के लिए विशेष कक्षाएं संचालित की जाएंगी।
केके पाठक की तरफ से जारी निर्देश के आलोक में डीईओ प्रमोद कुमार साहू ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें स्कूलों का शत प्रतिशत निरीक्षण किए जाने का जिक्र है. निरीक्षण के लिए डीईओ के स्तर से मॉडल रोस्टर भी तैयार किया गया है. रोस्टर के अनुसार, निरीक्षण का काम 15 अप्रैल से शुरू करना है. इसमें किसी प्रकार की शिथिलता पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. परसौनी प्रखंड में स्कूलों का निरीक्षण बीआरपी शशि कुमार, सोनू कुमार, अंजनी कुमार, ललन किशोर, बीपीएम अर्णव कुमार, फकीरा पासवान, बोखड़ा प्रखंड में बीआरपी मोती कुमारी, रवि कुमार समेत अन्य निरीक्षण करेंगे. सभी 17 प्रखंडों के लिए निरीक्षण करने वाले का रोस्टर जारी किया गया है।
शिक्षा विभाग ने निरीक्षण के लिए 15 अप्रैल से 15 मई तक एक प्रपत्र जारी किया है. अधिकारी अगर किसी स्कूल का निरीक्षण करेंगे, वो उसी प्रपत्र में रिपोर्ट करेंगे. प्रपत्र में कुल 14 बिंदु दिए गए हैं. निरीक्षण पदाधिकारी को स्कूल के प्रधान शिक्षक से सभी 14 बिंदुओं पर सवाल करना है और उसे भरकर विभाग को समर्पित करना है। निरीक्षण करने वाले पदाधिकारी को स्कूल का नाम, शिक्षकों की संख्या, पदस्थापित शिक्षकों की संख्या, निरीक्षण का समय, बिना सूचना के स्कूल से गायब शिक्षकों की संख्या, वार्षिक परीक्षा 2024 में कक्षा पांच से आठ के अनुतीर्ण और गायब बच्चों की संख्या, मिशन दक्ष के तहत चिन्हित बच्चों की संख्या और उपस्थित बच्चों की संख्या आदि का उल्लेख उस प्रपत्र में करना है।
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