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134वीं जयंती पर “आधुनिक भारत के निर्माण में डॉ अंबेडकर का योगदान” विषय पर हुई संगोष्ठी

भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर सीनेट हॉल में आयोजित संगोष्ठी “आधुनिक भारत के निर्माण में डॉ अंबेडकर का योगदान” विषय पर विचार व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता डॉ सुकन पासवान, पूर्व आरक्षी महानिरीक्षक ने कहा कि डॉ अंबेडकर सामाजिक न्याय के संघर्ष के प्रखर योद्धा थे। संविधान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए डॉ अंबेडकर ने कहा था कि सामाजिक न्याय का मुखर प्रवक्ता हमारा संविधान ही है।

अंबेडकर ने न केवल अपने समय की दुनिया और समाज का विश्लेषण किया, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन लाने के लिए लगातार संघर्ष भी किया। अंबेडकर के विचारों ने धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय और समाजवाद की मान्यताओं को मजबूत किया। डॉ अंबेडकर के विचार दर्शन और सिद्धांत आज भी काफी प्रासंगिक बने हुए। नए भारत के निर्माण में उनके विचार और दर्शन को अपनाने की जरूरत है।

मुख्य अतिथि एवं पूर्व कुलपति डॉ रिपुसूदन श्रीवास्तव ने कहा कि अंबेडकर अपने समय के बहुत बड़े चिंतक थे। उनके चिंतन और विचार पर लगातार मनन करने की जरूरत है।

अध्यक्षता करते हुए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो दिनेश चंद्र राय ने कहा कि विकसित भारत की नींव डॉ अंबेडकर ने ही रखी थी। समाज को बेहतर बनाने के लिए बाबा साहब ने संवैधानिक नैतिकता और सामाजिक न्याय पर अधिक जोर दिया और उसे संविधान में भी शामिल किया। बाबा साहब संस्थानों को अधिक लोकतांत्रिक बनाने के लिए नैतिक सुधारो के हिमायती थे। आज संस्थानों को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। बाबा साहब की रचनाओं एवं उनकी लिखी पुस्तकों को पढ़ने की जरूरत है। निःसंदेह हम बेहतर भारत का निर्माण कर सकते हैं।

संगोष्ठी में विषय प्रवेश कराते हुए स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान के पूर्व अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार ओझा ने कहा कि सामानता, न्याय और मानवीय गरिमा के प्रतीक डॉ अंबेडकर का योगदान सर्वविदित है। पूरी दुनिया उनके योगदान को भुला नहीं सकती। उनके विचारों और दर्शन के सतत अध्ययन और मूल्यांकन करने की जरूरत है। बेहतर भारत के निर्माण में उनके विचार आज भी प्रासंगिक और मान्य है।

कार्यक्रम की शुरुआत अंबेडकर उद्यान में अवस्थित बाबा साहब की मूर्ति पर कुलपति एवं पदाधिकारियों द्वारा माल्यार्पण कर हुआ। कार्यक्रम में सभी लोगों को संविधान की प्रतियां भी दी गई। इस अवसर पर अंबेडकर आयोजन समिति द्वारा कुलपति एवं अतिथियों को माला एवं बुके देकर सम्मानित किया गया। संगोष्ठी के शुरुआत में राम उचित पासवान, पूर्व जिला आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा अंबेडकर काव्य पाठ किया गया। कार्यक्रम का संचालन पूर्व उप कुलसचिव उमाशंकर दास ने किया। अतिथियों का स्वागत उप कुलसचिव डॉ विनोद बैठा ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन कॉलेज निरीक्षक डॉ प्रमोद कुमार ने किया।

संगोष्ठी में कुलसचिव डॉ संजय कुमार, प्रॉक्टर डॉ बी एस राय, सीसीडीसी डॉ अमिता शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ टीके डे, डॉ कौशल किशोर चौधरी, विकास पदाधिकारी डॉ पंकज कुमार, डॉ मनोज कुमार, डॉ आले मुजतफा, डॉ रमेश प्रसाद गुप्ता, डॉ विपिन कुमार राय, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ ललित किशोर, डॉ सतीश कुमार, डॉ शरतेंदु शेखर, डॉ संजय कुमार सुमन, डॉ विजय कुमार, डॉ राजबली पासवान, डॉ शारदानंद सहनी, छात्र नेता श्री चंदन यादव, प्रो विजय कुमार चौहान, अमरजीत कुमार, गौरव कुमार, राघवेंद्र कुमार, राम कुमार, उप कुलसचिव कन्हैया कुमार, राजीव रंजन, प्रभात कुमार, कुंदन कुमार, जितेंद्र कुमार, विनोद कुमार, अमन कुमार, हरि यादव, समीर कुमार झा, संतोष कुमार आदि ने अपने विचार रखें।

 

 

 

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