Press "Enter" to skip to content

इस साल कब हैं अक्षय तृतीया? जानें सही तारीख, मुहूर्त और महत्व…

अक्षय तृतीया 2024: वैशाख के शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को प्रत्येक वर्ष अक्षय तृतीया मनाई जाती है। इस वर्ष अक्षय तृतीया 10 मई को सुबह 4.17 बजे पर शुरू होगी। यह पर्व गजकेसरी, शश और सुकर्मा योग में पड़ रहा है, जो श्रद्धालुओं और खरीदारों के लिए बेहद शुभ और लाभकारी माना जाता है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन रोहिणी नक्षत्र हो तो इसका महत्व हजार गुना बढ़ जाता है। 10 मई को सुबह 10.47 बजे तक रोहिणी नक्षत्र पड़ रहा है। अक्षय तृतीया पूजा का बेहतर समय सुबह 7.44 बजे से दोपहर 12.20 बजे तक है। वैसे अक्षय तृतीया को ज्योतिष में स्वयंसिद्ध मुहूर्त भी कहा जाता है। अत: इस दिन कोई भी शुभ कार्य किया जाता है।

Akshaya Tritiya 2023: अक्षय तृतीया के दिन घर से बाहर निकाल फेंके ये चीजें, नहीं तो गरीबी पड़ सकती है गले | what not to keep in home on akshaya tritiya2023 | HerZindagi

मत्स्य पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन अक्षत, पुष्प दीप आदि द्वारा भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी की आराधना से विशेष कृपा बनती है। संतान भी अक्षय बनी रहती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर सामर्थ्य अनुसार जल, अनाज, गन्ना, दही, सत्तू, सुराही, हाथ से बने पंखे आदि दान करने से विशेष फल मिलता है। दान को वैज्ञानिकता आधार पर ऊर्जा के रूपांतरण से जोड़ कर देखा जाता है।

इस दिन का बहुत महत्व है। इस दिन विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम को जन्म हुआ था। इस दिन गंगा मइया धरती पर अवतरित हुई थी। सतयुग, द्वापर और त्रेतायुग के प्रारंभ की गणना इसी दिन से शुरू होती है। इसी दिन बद्रीनाथ का पट खुलता है ओर वृंदावन में बांके बिहारी के चरणों का दर्शन वर्ष में एक बार होता है। इस दिन ग्रहों के राजा सूर्य और ग्रहों की रानी चंद्रमा अपनी उच्च राशि में मौजूद रहते है। अक्षय तृतीया में खरीदारी के साथ दान-पुण्य का विशेष महत्व रहेगा।

ज्योतिषियों के अनुसार सुकर्मा योग को सुख-सुविधा व धन-ऐश्वर्य बढ़ाने वाला होता है। अक्षय तृतीया पर इस योग का निर्माण दोपहर 12 बजे के बाद हो रहा है। सोने की खरीदारी सुकर्मा योग में की जा सकती है, वहीं गजकेसरी योग में सफलता, धन-धान्य, पद-प्रतिष्ठा की बढ़ोतरी होती है। यह योग तब बनता है जब चंद्रमा गुरु बृहस्पति के साथ किसी राशि में युति करते हैं या फिर उसकी दृष्टि होती है। शश योग तब बनता है जब शनि ग्रह कुंडली के लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें घर में होता है। ज्योतिष में शश योग वैदिक ज्योतिष के पंच महापुरुष योगों में से एक है।

अक्षय तृतीया में खरीदारी का समय

  • सुबह 5.33 बजे से 10.37 बजे तक
  • दोपहर 12.18 बजे से 1.59 बजे तक
  • शाम 5.21 बजे से 7.02 बजे तक
  • रात 9.40 बजे से 10.59 बजे तक

 

 

Share This Article
More from BIHARMore posts in BIHAR »
More from MUZAFFARPURMore posts in MUZAFFARPUR »
More from NewsMore posts in News »
More from PATNAMore posts in PATNA »
More from STATEMore posts in STATE »
More from UncategorizedMore posts in Uncategorized »

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *