पटना: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बिहार में एनडीए में सीट शेयरिंग का मामला लगभग फाइनल हो गया है। तय फार्मूला के अनुसार, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास को पांच सीटें मिली हैं, जबकि उनके चाचा पशुपति पारस की आरएलजेपी को कोई स्थान नहीं मिला। रामविलास पासवान की पारंपरिक हाजीपुर सीट को भी चिराग के खाते में डाल दिया गया है। इसके बाद इस बात की चर्चा तेज थी कि पारस मोदी का साथ छोड़ सकते हैं। लेकिन, अब सबकुछ साफ़ हो गया है। पशुपति पारस मोदी का साथ नहीं छोड़ने वाले हैं। इस बात की जानकारी खुद राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) सांसद ने किया है।
दरअसल , राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद और पशुपति पारस के भतीजे प्रिंस पासवान ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए यह साफ़ जार दिया है कि वो मोदी के साथ ही रहेंगे यानी एनडीए के ही साथ रहेंगे। प्रिंस पासवान से ट्वीट करते हुए लिखा है कि – “हमारी पार्टी रालोजपा, एनडीए का अभिन्न अंग है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के साथ-साथ हमारे भी नेता है और उनका निर्णय हमारे लिए सर्वोपरि है।”
मालूम हो कि, चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस की आरएलजेपी को सीट बंटवारे में कोई स्थान नहीं मिला है। रामविलास पासवान की पारंपरिक हाजीपुर सीट को भी चिराग के खाते में डाल दिया दिया है। पशुपति कुमार पारस को इसके बदले में अलग ऑफर दिया गया है। भाजपा के फैसले से पशुपति पारस कैंप में हलचल मच गई थी। बताया जा रहा है कि, पारस की पार्टी कोई कड़ा फैसला लेने के मूड में था। इसको गुरुवार को अपनी पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी। इस बीच पारस के भतीजे ने यह ट्वीट कर सबकुछ साफ़ कर दिया है।
उधर, आरएलजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक शुरू हो गई है जिसमें पार्टी के सभी सांसद महबूब अली कैसर, चंदन सिंह और प्रिंस पासवान शामिल हैं। लोकसभा चुनाव में कोई सीट नहीं मिलने से पारस खेमे में नाराजगी की खबरें आ रही हैं। कहा जा रहा कि इसे लेकर कोई बड़ा फैसला पारस ले सकते हैं। बुधवार को सीट शेयरिंग की सूचना आने के साथ ही पशुपति पारस की रालोजपा में बैठक शुरू हो गई।
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