महाशिवरात्रि 2024: 8 मार्च शुक्रवार को प्रदोष व्रत के साथ-साथ महाशिवरात्रि व्रत किया जाएगा। महाशिवरात्रि प्रमुख त्योहार में से एक है। यह भगवान शिव के पूजन का सबसे बड़ा पर्व भी है। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि को भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था। भगवान शिव जितनी जल्दी प्रसन्न होते हैं। उतनी ही जल्दी नाराज भी हो जाते हैं। इसलिए शिवरात्रि के दिन और पूजा में कुछ बातों ध्यान रखना जरूरी है। पूजन करते समय मन को एकाग्र कर चित्त को शान्त कर के पूजन आरम्भ करें।
शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक पूजन जरूर करना चाहिए। इस व्रत को करने से दुःख, शोक, दरिद्रा, के साथ साथ सभी प्रकार के व्याधियों का भी शमन होने लगता है। शिवपरिवर का विधिवत षोडशोपचार पूजन कर के जागरण करना चाहिए।
शिवलिंग पर सबसे पहले पंचामृत चढ़ाना चाहिए। पंचामृत यानी दूध, गंगाजल, केसर, शहद और जल से बना हुआ मिश्रण, जो लोग चार प्रहर की पूजा करते हैं। उन्हें पहले प्रहर का अभिषेक जल, दूसरे प्रहर का अभिषेक दही, तीसरे प्रहर का अभिषेक घी और चौथे प्रहर का अभिषेक शहद से करें तथा भगवान शिव को दूध, गुलाब जल, चंदन, दही, शहद, घी, चीनी और जल का प्रयोग करते हुए तिलक और भस्म लगावें। भोलेनाथ को वैसे तो कई प्रकार के ऋतु फल अर्पित किए जाते हैं, लेकिन शिवरात्रि पर बेर जरूर अर्पित करना चाहिए क्योंकि बेर को चिरकाल का प्रतीक माना जाता है।
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