सीवान: बिहार में के सीवान में फर्जीवाड़े का अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दारोगा की नौकरी कर रही महिला के नाम और कागजातों के आधार पर कोई दूसरी महिला नौकरी कर रही है। इसकी जानकारी होते ही महिला दारोगा ने बक्सर पहुंच इस संबंध में मुकदमा दर्ज कराया और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी मिलकर इसकी जानकारी दी।
ब्रह्मपुर थाने के कांट गांव निवासी महेंद्र प्रताप सिंह की बेटी प्रियंका फिलहाल सीवान के महाराजगंज थाने में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। प्रियंका की इटाढ़ी के मलिकौंधा में ससुराल है और उसे एक बेटा भी है। उसके मुताबिक सब इंस्पेक्टर बनने से पहले शिक्षक के रूप में उसकी नियुक्ति के लिए 9 अगस्त 2021 को काउंसलिंग हो गई थी। उसने बीएड और टीईटी के मूल प्रमाण पत्र जमा करा दिए। इसी बीच जनवरी 2022 में सब इंस्पेक्टर के रूप में उसका चयन हो गया और सीवान में पोस्टिंग हो गई। इधर, दारोगा की नौकरी के दौरान उसे बक्सर से फोन आया कि आपकी नियुक्ति शिक्षक के रूप में हुई। योगदान की अंतिम तिथि बीतने वाली है। प्रियंका के मुताबिक उसने फोन करने वाले को बताया कि उसे नौकरी नहीं करनी। वह सब इंस्पेक्टर बन चुकी है। इसके बाद उसने लिखित रूप में भी विभाग को सूचना दे दी।
प्रियंका नवंबर में जब अपने कागजात मांगने आई, तो उसे बताया गया कि कागजात तो जिसका था वह महिला ले गई। इसके बाद प्रियंका का माथा ठनका। इसी बीच उसे पता चला कि शिक्षक के रूप में उसकी जो बहाली हुई थी, उसकी जगह कोई दूसरी महिला प्रियंका बनकर डुमरांव के नेनुआ मध्य विद्यालय में नौकरी कर रही है। इसके बाद प्रियंका ने बक्सर पहुंच टाउन थाने में बकायदे मुकदमा दर्ज कराया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिल लिखित शिकायत दी और जांच की मांग की। प्रियंका का कहना है कि आखिर कैसे कोई दूसरी महिला उसकी जगह पर डेढ़ साल से ज्यादा वक्त से नौकरी कर रही है ।
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