पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों से बीते दो माह के भीतर 22 लाख से अधिक बच्चों के नाम काटे गए हैं। नाम काटने का क्रम जारी है। यह संख्या और बढ़ सकती है। एसीएस केके पाठक के आदेश पर लगातार कई दिनों तक स्कूल से अनुपस्थित विद्यार्थियों के नाम काटे जा रहे हैं। जिन बच्चों के नाम काटे गये हैं, उनमें 18 लाख 31 हजार प्रारंभिक (कक्षा एक से आठ) स्कूलों के हैं। वहीं, शेष विद्यार्थी माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों के हैं।
शिक्षा विभाग के निर्देश पर स्कूलों के प्रधानाध्यापकों द्वारा बच्चों के नाम काटे जा रहे हैं। विभाग का निर्देश है कि जो बच्चे लगातार तीन दिनों तक बिना किसी सूचना के स्कूल नहीं आ रहे हैं तो उनके अभिभावकों को नोटिस दें। इसके बाद भी बच्चे नहीं आ रहे हैं तो उनके नाम स्कूल से काट दें। विभाग ने यह भी कहा है कि कई बच्चें हैं जो सरकारी के साथ-साथ निजी स्कूल में भी नामांकन लिये हुए हैं। ऐसे बच्चों की भी पहचान कर नाम काट दें। जानकारी के अनुसार अधिकतर उन्हीं बच्चों के नाम कटे हैं, जो दो स्कूलों में नामांकित हैं।
राज्य के 38 जिलों में चार ऐसे हैं, जहां एक लाख से अधिक बच्चों के नाम कटे हैं। सबसे अधिक पूर्वी चंपारण में 1.43 लाख, पश्चिम चंपारण में 1.35 लाख, वैशाली में 1.10 लाख और मुजफ्फरपुर जिले में 1.04 लाख बच्चों के नाम कटे हैं। पटना की बात करें तो यहां पर 97 हजार बच्चों के नाम स्कूल से कटे हैं।
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