मां दुर्गा की आठवीं शक्ति का नाम माता महागौरी है। नवरात्र की अष्टमी पर मां गौरी की पूजा अर्चना की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि मां गौरी सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। नवरात्र की अष्टमी पर कुछ लोग कन्या पूजन करते हैं। आपको बता दें कि इस बार अष्टमी और नवमी पर दोनों दिन सवार्थ सिद्धि और रवियोग बन रहा है। जिस दिन सवार्थ सिद्धि योग बनता है, वह दिन बहुत शुभ माना जाता है, इस दिन किया गया कार्य सिद्ध होता है और उसका शुभ फल मिलता है। इसी तरह रवि योग भी सुख-समृद्धि में वृद्धि करने वाला होता है।
मां दुर्गा जी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। नवरात्रि के आठवें दिन महा गौरी की पूजा की जाती है। इनका रंग गौर वर्ण है, इसलिए इन्हें महागौरी कहा जाता है। मां की चार भुजाएं हैं जिसमें ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू और नीचे के बाएं हाथ में वर मुद्रा है। मां गौरी अत्यंत सौम्य और दयालु माता की पूजा-उपासना धन-धन्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए की जाती है।
22 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 16 से लेकर सुबह 10 बजकर 41 तक दो बहुत ही सुंदर चौघड़िया मुहूर्त रहेगा। यह पूजा पाठ व हवन यज्ञ अनुष्ठान के लिए शुभ है। इसके बाद सुबह 10 बजकर 55 से लेकर 12 बजकर 35 और दोपहर 2 बजकर 5 से अपरान्ह 3 बजकर 35 तक शुभ मुहूर्त रहेगा।
आपको बता दें कि इस बार अष्टमी तिथि 21 अक्टूबर को रात 09 बजकर 53 मिनट पर प्रारंभ होगी और 22 अक्टूबर को रात 07 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि मान्य होने के कारण अष्टमी व्रत 22 अक्टूबर 2023 को रखा जाएगा। और 23 को नवमी का पूजन किया जाता है।
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