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मोतिहारी: सदर अस्पताल सहित जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में मनाया गया विश्व गर्भनिरोधक दिवस

मोतिहारी जिले के सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल सहित अन्य सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्यकर्मियों ने जागरूकता के साथ विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया। इस दौरान मोतिहारी, चकिया, रक्सौल, ढाका के नर्सिंग स्टॉफ ने बैनर के साथ रैली निकालकर लोगों को छोटा परिवार सुखी परिवार के महत्व को समझाते हुए परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी विधियों को इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया।

 

सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि हर साल 26 सितंबर को विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि गर्भनिरोधक दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों के बीच गर्भनिरोधक की जरूरत और साधनों के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना है। ताकि गर्भनिरोधक साधन के इस्तेमाल के प्रति नवविवाहितों और युवाओं में समझ बढ़े, पुरुषों को कंडोम के इस्तेमाल करने के प्रति प्रोत्साहित किया जाए जिससे यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति जानकारी हो और बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण लगाई जा सके। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, छतौनी अंतर्गत गांधी नगर रमना वार्ड संख्या- 03 में महिला आरोग्य समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसमें पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि द्वारा महिला आरोग्य समिति के उद्देश्य के साथ ही प्रसव पूर्व जांच, टीकाकरण एवं परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई साधन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। मौके पर संबंधित वार्ड की आशा एवं सेविका उपस्थित रहीं। बैठक में उपस्थित कुछ योग्य दंपति द्वारा साधन अपनाने हेतु इच्छा व्यक्त की गई जिसके उपरांत उनको साधन उपलब्ध कराया गया।

परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए किया गया जागरूक:

अनुमंडलीय अस्पताल पकड़ीदयाल में विश्व गर्भनिरोध दिवस के अवसर पर पुरुषों ने भी अपनी तत्परता दिखाई। इस दौरान स्थायी एवं अस्थायी साधन की विस्तारपूर्वक जानकारी के उपरांत कुछ पुरुष साथी द्वारा अस्थाई साधन अपनाने की इच्छा जताने पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से मनचाहा साधन उपलब्ध कराया गया। साथ ही इनसे यह भी आग्रह किया गया कि इस तरह के कार्यक्रम में आप सभी और भी अपने मित्रगण को बढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करें।

जागरूकता से आएगी असुरक्षित गर्भपात व मातृत्व -शिशु मृत्यु दर में गिरावट:

डीसीएम नंदन झा, पीएसआई प्रतिनिधि अमित कुमार व एफआरएचएस के रुपेश कुमार ने बताया कि जागरूकता से ही असुरक्षित गर्भपात व मातृत्व -शिशु मृत्यु दर में गिरावट आएगी। डीसीएम नंदन झा ने कहा कि पुरुष नसबंदी भी एक स्थायी समाधान है। जिसे कम समय में दक्ष चिकित्सक द्वारा बिना चीड-फाड़ के किया जाता है। उन्होंने बताया कि कॉपर-टी एक अस्थायी विधि है। जिससे बच्चों के जन्म में अंतर रखा जा सकता है। कॉपर-टी के अलावा गर्भनिरोधक गोली का चुनाव भी महिलाएं कर सकती हैं। कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सेविका सहायिकाओं द्वारा महिलाओं को परिवार नियोजन के संसाधनों यथा कॉपर टी, कंडोम, गर्भ निरोधक गोलियां, सुई आदि की जानकारियों के साथ महिलाओं को अनचाहे गर्भावस्था से रोक के उपाय की जानकारी देने की आवश्यकता है।

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