पटना: बिहार में जारी जातिगत जनगणना के काम में शिक्षकों की स्कूल टाइम में अब ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नया आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि स्कूल अवधि के बाद ही शिक्षकों से गणना कार्य कराया जाए। इससे पहले एसीएस केके पाठक ने आदेश जारी कर राज्यभर के शिक्षकों की गैर शैक्षणिक कार्यों में प्रतिनियुक्ति पर रोक लगा दी थी। हालांकि, जातिगत गणना में उनकी ड्यूटी लगाने में छूट दी गई थी, मगर अब उन्होंने इसमें भी शर्त रख दी है।
शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक की ओर से मंगलवार को सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि बिहार में जाति आधारित गणना का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। सिर्फ डाटा एंट्री का काम बचा हुआ है। ऐसे में स्कूल अवधि के बाद ही शिक्षकों की जातिगत जनगणना में ड्यूटी लगाई जाए। ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।
बता दें कि बिहार में जातिगत जनगणना का काम अंतिम चरण में है। सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है, अभी डाटा एंट्री का काम चल रहा है। डाटा एंट्री 50 फीसदी बाकी है। जातिगत गणना में लगे कर्मी पोर्टल पर डाटा चढ़ा रहे हैं।
पूर्व में केके पाठक ने आदेश जारी कर कहा था कि शिक्षकों की जातिगत जनगणना के अलावा अन्य किसी गैर शैक्षणिक कार्य में ड्यूटी न लगाई जाए। शिक्षकों की गैर शैक्षणिक कार्यों में प्रतिनियुक्ति से स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। उन्होंने शिक्षकों के ट्रेनर बनाने पर भी रोक लगा दी थी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बनने के बाद से केके पाठक ने शिक्षण के क्षेत्र में कई नए बदलाव किए हैं। अक्सर वे अपने फरमानों को लेकर चर्चा में रहते हैं।
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