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कल रखा जाएगा अधिकमास का चौथा मंगला गौरी व्रत, इस विधि से करें माता पार्वती की पूजा

सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है। पूरे 19 साल बाद सावन में अधिक मास पड़ने से साल 2023 का सावन और भी खास हो गया है। साल 2023 के सावन में कुल 8 सोमवारी व्रत और 9 मंगला गौरी व्रत रखे जा रहे हैं। कल यानी 8 अगस्त को अधिक मास का चौथा मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं मंगला गौरी व्रत के महत्त्व और पूजा विधि के बारे में विस्तार से।

कुंडली में विवाह के दोष को दूर करता है मंगला गौरी व्रत - To Avoid Kundali Dosh Keep Fast Mangla Gauri Vrat - Amar Ujala Hindi News Live

मंगला गौरी व्रत का महत्व
ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती में मंगला गौरी व्रत को रखकर ही भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था। मंगला गौरी व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। दूसरी ओर अविवाहित महिलाएं अच्छे वर के लिए इस व्रत को रखती हैं। इसके अलावा, मंगला गौरी व्रत को रखने से कुंडली में मंगल दोष खत्म हो जाता है।

 

पूजा विधि
मंगला गौरी व्रत के दिन व्रती ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान–ध्यान करती हैं। इसके पश्चात महिलाएं घर या पास के किसी शिव मंदिर में पूजा और व्रत का संकल्प रखती हैं। इसके बाद माता पार्वती के मंत्रों का जाप होता है। माता पार्वती की प्रतिमा को सफेद और लाल वस्त्र पर स्थापित किया जाता है। इस दिन माता पार्वती को सोलह श्रृंगार अर्पित किया जाता है। पूजा संपन्न होने के बाद भोग लगाया जाता है।

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