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कम होगा टमाटर का भाव! सहकारिता विभाग एक्शन में, खेती से मार्केटिंग तक की बनी स्ट्रेटेजी

टमाटर अपने ऊंचे भाव के लिए इन दिनों देश भर में सुर्खियों में है। आम लोगों की रसोई से यह सब्जी लगभग गायब हो गई है। बिहार में टमाटर की खेती और मार्केटिंग पर बिहार सरकार के सहकारिता विभाग ने पहल करने की योजना बनाई है। राज्य में  में टमाटर की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए सहकारिता विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। मुजफ्परपुर में इसकी शुरूआत हो गई है। प्राथमिक सब्जी सहकारी समिति (पीवीसीएस) सदस्यों को खेती के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।

इस मंडी में मात्र 60 रुपये किलो मिलेंगे टमाटर, बस करना होगा ये काम

हाल के दिनों में टमाटर के उत्पादन में आयी कमी और मूल्य वृद्धि को देखते हुए इसका फैसला लिया गया है। टमाटर का उत्पादन बढ़ाने के लिए तिरहुत सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी संघ लिमिटेड पूर्वी चंपारण के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने पीवीसीएस के अध्यक्ष व प्रबंधक को इस संबंध में पत्र लिखा है।

पत्र भेजकर अध्यक्ष और प्रबंधकों से टमाटर की खेती करने वाले किसानों की सूची मांगी गई है। सूची मिलने के बाद पीवीसीएस के सदस्य किसानों को खेती के लिए पौधे, बाजार आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी ताकि उन्हें टमाटर की खेती व बाजार को लेकर परेशानी न हो। बता दें कि जिले के प्रखंडों में पीवीसीएस गठित है। पीवीसीएस अपने सदस्य किसानों से सब्जी की खरीद करती है।

प्रखंड स्तर पर बनेगा कलेक्शन सेंटर

टमाटर की खेती करने वाले पीवीसीएस के सदस्य किसानों को अनुदानित दर पर उत्कृष्ट किस्म के पौधे उपलब्ध कराये जाएंगे। पीवीसीएस सदस्य किसानों को आधुनिक तरीके से खेती करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें कृषि वैज्ञानिक किसानों को बताएंगे कि कम लागत में टमाटर की बेहतर खेती कैसे की जाए। अधिक उपज कैसे हो। टमाटर उत्पादन करने के बाद किसानों को इसके बेचने के लिए परेशान भी नहीं होना पड़ेगा। उपज के बाद सहकारिता विभाग टमाटर की खरीद भी करेगा। प्रखंड स्तर पर इसके लिए कलेक्शन सेंटर बनाये जाएंगे।

 

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