पटना: मानसून की बेरुखी ने एक बार फिर किसानों की चिंता फिर बढ़ा दी है। राज्य में पिछले तीन-चार दिनों से बारिश न के बराबर हो रही है। जबकि सूबे में 21 जुलाई तक कम से कम 405.7 मिमी बारिश होनी थी लेकिन मात्र 238 मिमी बारिश हुई है। पूरे प्रदेश में 41 फीसदी कम जबकि 22 जिलों में 40 फीसदी कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, 26-27 जुलाई तक तेज बारिश के आसार नहीं हैं।
दरअसल, मौसम विभाग ने यह अनुमान जताया है कि राज्य में अगले एक सप्ताह तक लोगों को झमाझम बारिश के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। उत्तर बिहार की ओर छिटपुट थंडरस्टॉर्म की गतिविधियां होंगी लेकिन झमाझम के लिए इंतजार करना होगा। ऐसे में बारिश की कमी का ग्राफ और चढ़ेगा। राज्य के किसी जिले में बारिश का आंकड़ा सामान्य से ऊपर नहीं है। सूबे में सबसे कम बारिश किशनगंज और भागलपुर जिले में हुई है। राजधानी पटना में भी सामान्य से 50 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
बताया जा रहा है कि, सूबे के किसी भी हिस्से से मानसून ट्रफ नहीं गुजर रहा है। कोई स्थानीय सिस्टम भी प्रभावी नहीं है। इससे बारिश की कमी बढ़ रही है। हालांकि, उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी क्षेत्र की ओर एक सिस्टम बना है जिसका असर उत्तर बिहार में कुछ जगहों पर आंशिक रूप से गरज तड़क के रूप में दिख सकता है। 23 जुलाई को उत्तर बिहार के जिलों एक दो जगहों पर वज्रपात का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
इधर, शुक्रवार को 18 जिलों के अधिकतम तापमान में आंशिक बढ़ोतरी आई जबकि छह जगहों पर तापमान में आंशिक बढ़ोतरी दर्ज की गई। बारिश न होने से उमस भरी गर्मी में लोगों के पसीने छूट रहे हैं। अधिकतम तापमान भी सामान्य से दो डिग्री ऊपर चला गया है ।
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