बिहार में बाढ़ के हालात बनने लगे हैं. संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए अब आपदा विभाग ने भी जिलों को अलर्ट कर दिया है। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें अभियान शुरू करने में जुट चुकी हैं। बिहार व नेपाल में हुई बारिश की वजह से नदियों में उफान देखा जा रहा है। पटना में भी गंगा का पानी अब घाट तक पहुंच चुका है। जबकि कोसी-सीमांचल की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। लोग पलायन करने को मजबूर दिख रहे हैं। कई जगहों पर सड़क के ऊपर पानी बह रहा है और गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट चुका है।
पिछले एक सप्ताह से कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ने व घटने का सिलसिला जारी है। कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण सुपौल के किशनपुर प्रखंड के दुबियाही पंचायत वार्ड नंबर 01 में सिसवा गांव जाने वाली मुख्य सड़क दो जगह पानी के दबाव से ध्वस्त हो गयी. जिस कारण सिसवा, पंचगछिया, सुकमारपुर सहित अन्य गांवों के लगभग पांच हजार से अधिक लोगों का सड़क संपर्क भंग हो गया है. सड़क ध्वस्त हो जाने के कारण लोग जान हथेली पर रख कर एक छोर से दूसरे छोर आते-जाते हैं. सोमवार को कोसी नदी में पानी घटने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली थी. लेकिन मंगलवार की सुबह से ही एक बार फिर कोसी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है।
पानी घटने और बढ़ने के कारण तटबंध के अंदर बसे कई गांवों में कटाव की समस्या उत्पन्न हो गयी है. सदर प्रखंड के बलवा, बैरिया, घुरण में कटाव लग जाने के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कटाव पीड़ित परिवार पूर्वी कोसी तटबंध पर यत्र-तत्र शरण लेकर किसी तरह रात गुजारने को विवश हैं.पानी बढ़ने के कारण सैकड़ों एकड़ से अधिक जमीन में बाढ़ का पानी फैल गया है. इससे किसान चिंतित है. इसके अलावा मौजहा और दुबियाही पंचायत के चारों तरफ बसे लोगों के घर आंगन में पानी घुस जाने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लोग माल मवेशी को ऊंचे स्थान पर ले जाने की तलाश में जुटे हुए हैं. कई परिवारों के घरों में पानी घुस जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
कटिहार के शिकारपुर पंचायत के माहीनगर गांव में मंगलवार को भी महानंदा नदी में कटाव जारी है. ग्रामीणों ने बताया की महानंदा नदी कटाव से प्रत्येक वर्ष दर्जनों परिवार विस्थापित हो रहे हैं. कटिहार में गंगा कोसी व बरंडी के जलस्तर में उफान जारी है. सहरसा-मानसी रेलखंड पर कोसी और बागमती नदी तेज उफान पर है. वहीं रेलवे ट्रैक के पास नदी में तेज उफान से कटाव भी शुरू होने लगा है. अगर यही स्थिति रही तो ट्रेन परिचालन पर भी असर पड़ सकता है.रेलवे ट्रैक पर पेट्रोलिंग बढ़ाई गयी है. बागमती के उफान पर प्रशासन की नजर है.
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