मुजफ्फरपुर: वह स्वास्थ्य विभाग का एक साधारण क्लर्क है जिसके मुखिया बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव हैं। लेकिन, करोड़ों की संपत्ति का मालिक है। वह महीने में 75 हजार कमाता है लेकिन, उसके पास 90 लाख की जमीन, 10 गाड़ियां, दो आईटीआई कॉलेज और विवाह भवन भी है। उसके पास भारी भरकम बैंक बैलेंस है। खबर है कि वह बड़ी कीमत वाली फॉर्च्यूनर टाइप लग्जरी कार की की सवारी करता है। बात हो रही है मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के बड़ा बाबू सुबोध ओझा का जिसके ठिकानों पर निगरानी विभाग ने रे’ड मारा तो सर की आंखें फटी की फटी रह गईं।
आय से अधिक दो करोड़ की संपत्ति अर्जित करने के मामले में मुजफ्फरपुर सिविल सर्जन कार्यालय के प्रभारी प्रधान लिपिक सुबोध कुमार उर्फ सुबोध ओझा के घर समेत तीन ठिकानों पर गुरुवार को विशेष निगरानी की टीम ने छापेमारी की। घर से कई जमीन और अचल संपत्ति के दस्तावेज के अलावा आधा दर्जन से अधिक बैंक खाते भी मिले हैं। घर से 59 हजार कैश मिले।
निगरानी डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि सुबोध ओझा के खिलाफ शिकायत मिली थी, जिसकी जांच की गई। प्रारंभिक जांच में उसके द्वारा तमाम वैध स्रोत से हो रही आय और व्यय का मिलान किया गया। इसमें उसकी अवैध संपत्ति दो करोड़ 13 लाख 73 हजार 424 रुपये सामने आई। इसके बाद बुधवार को निगरानी थाना पटना में उस पर एफआईआर दर्ज की गई।
आरो’पित सुबोध की अवै’ध संपत्ति में पुत्र आर्यन व अतुल के नाम जमीन के चार एवं सुबोध के नाम एक दस्तावेज मिले हैं। 90 लाख 60 हजार आठ सौ रुपये की जमीन है। इसके अलावा इनोवा, सफारी, स्विफ्ट, थार समेत नौ गाड़ियां हैं, जिनकी कीमत 60 लाख सात हजार बताई गई है। बेटे की पढ़ाई पर 15 लाख का खर्च है।
सदर थाना के खबड़ा गांव स्थित सुबोध के घर, आईटीआई कॉलेज और सदर अस्पताल में उसके कार्यालय पर छापा मारा गया। छह डीएसपी समेत 30 कर्मियों की टीम ने तीनों जगह पर तलाशी ली। सीएस कार्यालय में सुबोध के जिम्मे अलमीरा, ड्रॉवर व फाइलों को खंगाला गया। कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं।
सुबोध ओझा के कॉलेज, विवाह भवन, गोदाम और घर करोड़ों के
सिविल सर्जन कार्यालय में प्रभारी प्रधान लिपिक सुबोध कुमार उर्फ सुबोध ओझा की आय से अधिक संपत्ति मामले में निगरानी की विशेष टीम ने छापेमारी की तो कई अवैध चल-अचल संपत्तियों का खुलासा हुआ। सुबोध ने खबड़ा में तीन मंजिले भवन में विवाह भवन, गोदाम और आईटीआई कॉलेज बनाया है। लालकोठी के नाम से मशहूर करीब पांच कट्ठे के प्लॉट में यह भवन बना है।
इसके अलावा उसका खबड़ा में तीन मंजिला आवास है। मकान में मंहगे टाइल्स, मार्बल और साज-सज्जा के सामान हैं। खबरा में ही दूसरी जगह उसका एक निर्माणाधीन भवन है। निगरानी ब्यूरो के डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि तीनों भवन करोड़ों रुपये के हैं। जमीन के दस्तावेजी मूल्य खबड़ा में बाजार मूल्य से काफी कम दर्शाये गये हैं।
प्रधान लिपिक सुबोध के खि’लाफ परिवाद में निगरानी ब्यूरो को बताया गया है कि वर्ष 2016 में पुत्र आर्यन कुमार और अतुल कुमार के नाम खरीदी गई जमीन के निबंधन में जमीन के प्रकार को गलत ढंग से दर्शाया गया था। व्यावसायिक किस्म की जमीन को आवासीय बताकर निबंधन करा लिया गया था, जिसकी प्रशासनिक जांच कराई गई थी। इसमें आरो’पितों को 10 लाख रुपये का जुर्माना लगा था और जमीन की किस्म को व्यावसायिक किया गया था।
विवाह भवन के साथ उसी भवन में कॉलेज की मंजूरी पर सवाल
खबड़ा में एक तीन मंजिले भवन में आईटीआई कॉलेज, विवाह भवन और एक निजी कंपनी का गोदाम है। छापेमारी के दौरान सवाल उठा कि उक्त भवन में आईटीआई कॉलेज संचालन की अनुमति और मंजूरी कैसे मिली। इस कॉलेज का जिक्र वित्तीय वर्ष 2021-22 की संपत्ति घोषणा में भी नहीं किया गया है।
खबड़ा में तीसरी बार हुई निगरानी की छापेमारी
खबड़ा गांव में तीसरी बार निगरानी का छापा पड़ा है। इससे पहले भी स्वास्थ्य महकमे में तैनात दो अन्य कर्मियों पर खबड़ा गांव में छापेमारी की जा चुकी है। प्रधान लिपिक सुबोध कुमार उर्फ सुबोध ओझा के घर पर निगरानी की छापेमारी के दौरान भी इसकी चर्चा होती रही। पूर्व में हुई छापेमारी में एक सुबोध का करीबी रिश्तेदार बताया जा रहा है।
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