गोपालगंज के फुलवरिया थाना के लाढ़पुर गांव में मछली व्यवसायी की ह’त्या मामले का एसआईटी ने खुलासा किया है। पुलिस ने साजिशकर्ता पत्नी उसके प्रेमी और दो सुपारी किलर बदमाशों को गिरफ्तार किया है। एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि 22 मई की रात लगभग 2 बजे अज्ञात अपरा’धियों ने मछली व्यवसायी ईश मोहम्मद की गो’ली मा’रकर ह’त्या कर दी थी। मामले के खुलासे व अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए हथुआ एसडीपीओ के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था।
पत्नी-प्रेमी समेत 2 शूटर्स गिरफ्तार
एसआईटी ने टेक्निकल और लोकल इनपुट से कांड का सफल खुलासा लगभग 48 घंटे के भीतर कर लिया। बताया कि उसकी हत्या की सुपारी 50 हजार में पत्नी व उसके प्रेमी ने दी थी। पत्नी नूरजहां खातून प्रेमी बथुआ निवासी नौशाद आलम और दो सुपारी किलर परवेज अंसारी व मंसूर आलम को गिर’फ्तार कर लिया गया । गिरफ्तार शूटर के पास के एक पिस्टल, 3 कारतूस, एक बाइक, पांच मोबाइल एवं 7500 रुपए बरामद किए गए हैं। बताया कि मृ’तक मछली व्यवसायी की पत्नी नूरजहां का प्रेम प्रसंग लम्बे समय से नौशाद आलम से चल रहा था। जिसकी जानकारी मृतक ईश मोहम्मद को भी थी। प्रेम- प्रसंग को लेकर दोनों में बराबर विवाद होता रहता था।
प्रेम प्रसंग को लेकर होता था विवाद
ईश मोहम्मद पत्नी के साथ प्रेम प्रसंग को लेकर मारपीट भी करता था। उसके सामने भी उसकी पत्नी अपने प्रेमी को घर में बुला लेती थी। जिसका वह विरोध करता था। पति के इस व्यवहार से तंग आकर लगभग एक सप्ताह पूर्व पत्नी ने उसकी हत्या कराने की साजिश प्रेमी से मिल कर रच डाली। सुपारी किलर से 50 हजार में सौदा तय हुआ। जिसके बाद पत्नी ने प्रेमी नौशाद आलम को पचास हजार रुपए दिए। जिसमें से 28 हजार रुपए में बदमाशों ने कटेया के हथियार सप्लायर संदीप शर्मा से पिस्टल एवं चार कारतूस खरीदी थी। जिससे 22 मई की रात लगभग 2 बजे ईश मोहम्मद की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
हत्या के वक्त शूटर्स से बात कर रही थी
हत्या के समय प्रेमी व शूटर से मोबाइल पर बात करती रही नूरजहां ईश मोहम्मद को गोली मारने के दौरान अपराधियों से मोबाइल पर नूरजहां लगातार बात करती रही। उसके सोने से लेकर गोली मारने और भागने तक वह शूटर एवं प्रेमी नौशाद से बात करती रही। और खिड़की से खुद लाइव मर्हडर भी देखा। हत्या के बाद भी उसके कॉल डिटेल्स से इसका पता चला है। बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए हथुआ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अनुराग कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था।
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