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बिहार: एक साल तक बेटी से करता रहा रे’प, दु’ष्कर्म के दो’षी पिता को कोर्ट ने सुनाई क’ड़ी सजा

भागलपुर: बिहार के भागलपुर में अपनी नाबालिग बेटी से दु’ष्कर्म के दो’षी पिता को कोर्ट ने कड़ी सजा सुनाई है। महापापी पिता को अदालत ने मृ’त्यु होने तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पॉक्सो के विशेष जज एडीजे पन्नालाल की अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाई। कोर्ट ने अभियुक्त पर एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया। इस मामले की सुनवाई मात्र 9 महीने में पूरी करते हुए माननीय अदालत ने अपना फैसला सुना दिया। कांड का स्पीडी ट्रायल कराया गया।

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पत्नी ने दर्ज कराया था एफआईआर

इस सनसनीखेज मामले में सरकार की तरफ से बहस करने वाले पॉक्सो के विशेष पीपी शंकर जयकिशन मंडल ने बताया कि कोर्ट ने पी’ड़िता के लिए 12 लाख रुपये मुआवजा भी मंजूर किया है। घट’ना नाथनगर थाना क्षेत्र की थी। 31 जुलाई 2022 को थाना में आरो’पित की पत्नी के बयान पर केस दर्ज कराया गया था। पुलिस ने अनुसंधान में कांड से संबंधित साक्ष्य और गवाह जुटाए जिनके आधार पर दोष सिद्ध कर आरो’पी को सजा सुनाई गई। पी’ड़िता की मां ने अपने पति के खिलाफ गवाही दी।

एक साल से कर रहा था दु’ष्कर्म

घ’टना को लेकर पीड़िता की मां और अभियुक्त की पत्नी ने केस दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को बताया था कि एक साल से उनका पति अपनी ही बेटी के साथ दु’ष्कर्म कर रहा था। बेटी ने विरोध करने की कोशिश की तो उसे डराया और धम’काया। महिला ने बताया कि जब उन्हें इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने पति से बात की और ऐसा नहीं करने को कहा। उनकी बातों को भी पति ने नहीं माना। आरो’पित ने उसके साथ भी मा’रपीट की। बेटी डर के मारे किसी को भी यह बात नहीं बताती थी। मजबूर होकर केस दर्ज कराना पड़ा। महिला ने कोर्ट में गवाही दी और यह भी कहा था कि अगर उसका पति बाहर निकल गया तो वह उसे और उसकी बेटी से बदला लेगा और हम दोनों को मार देगा।

नौ महीने के अंदर ट्रायल पूरा कर सजा दी गई

अपनी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के दो’षी पिता को कोर्ट ने मृत्यु होने तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस घट’ना को लेकर कोर्ट में स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई हुई। कोर्ट ने पॉक्सो के विशेष लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल के कार्य की भी सराहना की है और कहा कि इस कांड की त्वरित सुनवाई में उनकी भूमिका बेहतर रही। गौरतलब है कि 31 जुलाई 2022 को केस दर्ज कराया गया था। इस तरह नौ महीने के अंदर ही कांड की सुनवाई पूरी करते हुए कोर्ट ने सजा सुना दी। कांड में पी’ड़िता, उसकी मां, अनुसंधानकर्ता, डॉक्टर आदि की गवाही कराई गई। उन सभी ने घटना को सही बताया।

 

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