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आनंद मोहन की पत्नी ने कृष्णैया के परिवार के प्रति जताई सहानभुति, कहा- सच्चाई जानना चाहेंगे तो बताऊंगी

पटना: बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के बाद उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है। समर्थक एक दूसरे को लड्डू खिलाकर खुशी का इजहार कर रहे हैं। वहीं आनंद मोहन के गांव  पंचगछिया में भी जश्न की तैयारी चल रही हैं। इस मौके पर उनकी पत्नी लवली आनंद ने कहा कि उनके पति निर्दोष हैं। इस मामले में दो परिवारों को कष्ट का सामना करना पड़ा। मेरी सहानभुति जी कृष्णैया के साथ है। अगर वो सच्चाई जानना चाहती हैं तो मैं उन्हें जरूर बताऊंगी। इस हत्याकांड में दूर-दूर तक हमारा कोई लेना-देना नहीं है।

आनंद मोहन की पत्नी ने कृष्णैया के परिवार के प्रति जताई सहानभुति, कहा- सच्चाई जानना चाहेंगे तो बताऊंगी

मेरे पति निर्दोष है- लवली आनंद
लवली आनंद ने कहा कि 16 साल बाद वो रिहा हो रहे हैं। वो भी ऐसे गुनाह में जो उन्होने किया ही नहीं। हमारे शुभचिंतक पक्ष और विपक्ष दोनों में हैं। उन्होने कहा कि इन 16 सालों में हमारे घर में न होली मनी, न दिवाली मनी। निर्दोष होते हुए भी उन्होंने सजा काटी है। वहीं नीतीश कुमार के जेल मैन्युअल में बदलाव के सवाल पर उन्होने कहा कि एकरूपता कानून के लिए बिहार सरकार ने बदलाव किया है। जिसका आदेश सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने ही दिया था।

सच्चाई जानना चाहते हैं तो जरूर बताऊंगी
उन्होने कहा कि जी कृष्णैया की ह’त्या के बाद उनकी पत्नी पर क्या बीती  वो मैं समझ सकती है। एक औरत के नाते उनका दर्द समझती हूं। जी कृष्णैया एक ईमानदार अधिकारी थे, उनकी ह’त्या में हमारे पति का दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था। ये बात बच्चा-बच्चा जानता है। मेरी सहानभुति जी कृष्णैया के परिवार के साथ है। उन्हें अभी सच्चाई का पता नहीं है। लेकिन अगर वो सच्चाई जानना चाहते हैं। तो मैं जरूर बताऊंगी।

नीतीश सरकार की सफाई
आपको बता दें आनंद मोहन की रिहाई मामले में नीतीश सरकार ने सफाई भी दी। राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि आनंद मोहन की जेल से रिहाई के लिए जो नियम में संशोधन किया गया, वह एक सामान्य कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रिया है। उन्होने कहा कि अधिकारी और आम नागरिक की हत्या के मामले में कोई अंतर रखना सही नहीं है, इसको महसूस करते हुए नियम में बदलाव किया गया है। इसी के तहत आनंद मोहन को जेल से सारी शर्तों को पूरा करने के बाद रिहा किया गया। उन्होने बताया कि राज्य में पिछले 6 सालों में 698 ऐसे आजीवन कारावास की सजा पाने वाले को कैदियों को समय-समय पर रिहा किया गया है।

 

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