गया: अपने अजीबोगरीब बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बोल उम्र के साथ काफी बिगड़ गए हैं। शायद यही वजह है कि उन्होंने महिलाओं को लेकर शर्मनाक बयान दिया है। गरीब संपर्क यात्रा के दौरान गया में आयोजित एक जनसभा के दौरान जीतन राम मांझी ने इशारों इशारों में अमीरों के बच्चों को नाजायज औलाद करार दे दिया।
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक और संरक्षक जीतन राम मांझी इन दिनों गरीब संपर्क यात्रा पर हैं। इसी के तहत गया के गांधी मैदान में गरीब जगाओ रैली का आयोजन किया गया था। रैली में जुटी भीड़ को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बहक गए। अमीर और गरीब की आबादी का विश्लेषण करते हुए मांझी ने महिलाओं को लेकर शर्मनाक बोली बोल गए। पूर्व सीएम मांझी ने कहा है कि गरीब के बच्चे इसलिए ज्यादा होते हैं क्योंकि पति पत्नी साथ रहते हैं। साथ रहने से बच्चों संतान उत्पन्न होने के ज्यादा अवसर मिलते हैं। लेकिन अमीर लोग पति पत्नी साथ नहीं रहते अक्सर दोनों अलग अलग रहते हैं और उनके बच्चे पोस्टकार्ड पर ही पैदा हो जाते हैं।
जीतन राम मांझी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री केबी सहाय और विधायक कामाख्या नाराणयण सिंह के बीच जनसंख्या को लेकर विधानसभा में हुई बहस का हवाला देते हुए यह बात कही। उन्होंने आगे कहा कि अमीर लोग कोलकाता, दिल्ली और पटना रहते हैं। अक्सल पति दार्जिलिंग में रहते हैं तो पत्नी शिमला में रहती है। और पोस्टकार्ड से उनके बच्चे पैदा हो जाते हैं।
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि हम लोग तो अपने घर की औरतों के साथ रहते हैं इसलिए हमलोगों के परिवार में ज्यादा बाल बच्चा हो जाता है। अपनी भाषा में मांझी ने अपने भाषण में कहा कि बड़कन लोग दार्जिलिंग में तो उनकी पत्नी पत्नी शिमला में रहते हैं। पोस्टकार्ड पर आप लोग का बच्चा पैदा होता है। तो ऐसे में गरीब लोग को ज्यादा बच्चे होते हैं वहीं, अमीर लोगों के कम बच्चे होते हैं। हमारी संख्या ज्यादा है तो हमें आरक्षण मिलना चाहिए।
मांझी के इस बयान की चौतरफा निंदा हो रही है। महिला संगठनों ने इसे देशभर की महिलाओं को अपमान माना है। महागठबंधन के सहयोगी कांग्रेस ने उनपर हमला किया है तो जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने इस पर आपत्ति जताई है। बीजेपी ने इसे मानसिक असंतुलन करार दिया है।
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