पटना: गृह रक्षा वाहिनी के आईजी विकास वैभव ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद को सात पन्ने में जवाब भेजा है। अब जवाब की समीक्षा की जा रही है। सूत्रों के अनुसार उनसे जितने भी प्रश्न पूछे गए थे, उसपर बिंदुवार जवाब दिया है। उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट की है।
सरकार को बताया है कि उनके साथ कैसे दुर्व्यवहार किया गया। कई अन्य अधिकारी भी हैं, जिनके साथ डीजी ने दुर्व्यवहार किया। डीजी के दुर्व्यवहार के चलते पहले भी विभाग से अनुरोध किया था कि यहां से तबादला कर दिया जाए। इसके अलावा ट्विटर पर पोस्ट डालने के संबंध में वे पहले भी बता चुके हैं कि मानसिक रूप से परेशान होकर रात में पोस्ट डाला था, हालांकि तुरंत उसे डिलीट भी कर दिया था।
एसीएस होम करेंगे जवाब की समीक्षा
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव इस जवाब की समीक्षा करेंगे। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने 11 फरवरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। विकास वैभव को सात दिनों के अंदर जवाब देना था। समय रहते उन्होंने जवाब दे दिया है। बता दें कि आईजी विकास वैभव ने गृह रक्षा वाहिनी की डीजी शोभा अहोतकर पर गाली देने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया था। बाद में उनके अधीनस्थ कार्यालय में काम करने में सुरक्षा का खतरा बताते हुए तबादला करने की मांग की थी।
एक ट्वीट से आया था भूचाल
कुछ दिन पूर्व विकास वैभव ने ट्विटर पर होमगार्ड डीजी शोभा अहोतकर पर बड़ा आरोप लगाया था। इसमें उन्होंने लिखा था कि वह बहुत दुखी हैं, उन्हें रोज-रोज अपने डीजी मैडम यानी शोभा अहोतकर से गाली सुननी पड़ रही है। उन्हें छुट्टी भी नहीं दी जा रही है। इस एक ट्वीट पर भूचाल आ गया था। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा। कुछ लोग इसे बिहारी अस्मिता का सवाल बना रहे थे, तो वहीं दूसरी तरफ इसे सियासी रंग भी दिया जा रहा था। विपक्ष के नेता भी विकास वैभव का समर्थन करते हुए सीएम को घेरने का प्रयास कर रहे थे।
सीएम नीतीश ने दी थी सलाह
इससे पहले इस मामले पर सीएम नीतीश कुमार ने भी नाराजगी जताई थी। मु्ख्यमंत्री नीतीश ने कहा था कि कोई भी अधिकारी हो, उसका काम ट्वीट करना नहीं है। ये सबसे गंदी चीज है, अगर कोई समस्या है तो अपने डिपार्टमेंट या सीनियर लोगों को अपनी समस्या बतानी चाहिए। यही नहीं सीएम नीतीश कुमार ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट भी मांगी।
वरिष्ठ अधिकारी की छवि धूमिल करने का आरोप
आईपीएस विकास वैभव को दिए गए नोटिस में कहा गया था, कि 9 फरवरी से सोशल मीडिया पर आपका एक ट्वीट वायरल हो रहा है। आपने डीजी रैंक की महिला अधिकारी पर गाली गलौज करने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उनके रिकॉर्डिंग की बात कही है। सोशल मीडिया के माध्यम से आपके द्वारा अपने विभाग के वरीय अधिकारी पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। आपका यह कृत्य अखिल भारतीय सेवा नियमावली 1978 के प्रावधानों के विरुद्ध है। आप कार्यालय की बैठकों में हो रही चर्चा की रिकार्डिंग करते हैं। यह आपकी गलत मंशा का परिचायक है।
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