पटना: बिहार के सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर और नर्सों की गृह जिले में पोस्टिंग होगी। उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने राज्य के 24 जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की शुरुआत करते हुए यह घोषणा की। उपमुख्यमंत्री ने ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में खुद विभागीय अधिकारियों के साथ दवा खाकर अभियान का आगाज किया।
इस मौके पर विभाग की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास तभी सार्थक होगा, जब हम टीम के रूप में काम करें। सरकार की कोशिश है कि चिकित्साकर्मियों को कोई परेशानी नहीं हो। इसके लिए डॉक्टर व नर्सों की गृह जिले में तैनाती की जाएगी। अस्पतालों का कायाकल्प होगा। पुराने भवनों के स्थान पर नए भवन बनाए जाएंगे और कुछ का जीर्णोद्धार होगा। मरीजों की सुविधा के लिए विभाग एक लाख 60 हजार नौकरी देगा।
स्वास्थ्य सचिव के. सेंथिल कुमार ने कहा कि इस अभियान में सभी लाभार्थियों को स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही दवाओं का सेवन कराया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी आयु वर्ग में होने वाला फाइलेरिया का संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के कंट्री लीड डॉ. भूपेंद्र त्रिपाठी ने सुझाव दिया कि समाज में जागरुकता लाने की जरूरत है। मौके पर स्वास्थ्य सलाहकार केसी साहा, एसपीओ डॉ रणजीत कुमार व डॉ अभिषेक कुमार सिन्हा, डॉ राजेश पांडेय मौजूद थे।
अभियान क्यों
दुनिया के 72 देशों में फाइलेरिया का प्रकोप है। भारत के 18 राज्यों में यह बीमारी फैली हुई है। बिहार में अभी फाइलेरिया के लगभग 95 हजार तो हाइड्रोसिल के लगभग 17 हजार मरीज़ चिह्नित हैं। विभाग ने दुनिया का सबसे बड़ा 14 दिनी अभियान शुरू किया है।
सूबे में जेएनएम की तरह एएनएम का कैडर बनेगा
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जेएनएम का राज्यस्तरीय कैडर है लेकिन एएनएम का कैडर नहीं है। सरकार ने तय किया है कि एएनएम का भी अलग कैडर हो। विभाग ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। अलग कैडर बनने से प्रोमोशन में सुविधा होगी। साथ ही कौन सीनियर व कौन जूनियर है, यह भी पता चल सकेगा। समय-समय पर प्रोमोशन मिलने से एएनएम में कार्य के प्रति और अधिक जिम्मेवारी का बोध होगा।
1.16 लाख फाइलेरिया के मरीज हैं बिहार में अभी
दुनिया के 72 देशों में फाइलेरिया का प्रकोप है। भारत के 18 राज्यों में यह बीमारी फैली हुई है। बिहार में अभी फाइलेरिया यानी हाथीपांव के लगभग 95 हजार तो हाइड्रोसिल के लगभग 17 हजार मरीज़ चिह्नित हैं। विभाग ने दुनिया का सबसे बड़ा 14 दिनी अभियान शुरू किया है। अभियान में दो वर्ष से कम के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर लगभग साढ़े सात करोड़ लोगों को दवा खिलाई जाएगी।
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